लेखांकन ACCOUNTING --- वित्तिय व्यवहारों को लिखने ,वर्गीकृत
करने और सारांश में व्यक्त करने और उनके परिणामो की व्याख्या करने की प्रक्रिया है।
पुस्तपालन BOOK-KEEPING ~वित्तिय व्यवहारों का प्रारंभिक बहियों में लिखना ओर खाता बही में खतौनी करने को ......
Double entry system of accounting ~इस प्रणाली में लेन देन के 2 पक्ष होते है credit. ओर debit। अतः एक बार cr. ओर एक बार dr. पक्ष लेखा किया जाता है
लेखांकन की शाखाएं ~
1 वित्तिय लेखांकन financial accounting ~ इसमे वितीय लेनदेनों का लेखा होता है ।एक वर्ष में लाभ हानि की जानकारी व्यापार खाता (trading acnt) ओर लाभ हानि खाता (profit & loss acnt )से प्राप्त होती है
2 लागत लेखांकन cost accounting~ इसमे उत्पादों की लागत का निर्धारण करते है । जिससे उस वस्तु का मूल्य निर्धारित किया जा सके।
3 प्रबंध लेखांकन managment accounting ~ इसमे प्रस्तुत सूचनाऍ प्रबंधक वर्ग को दी जाती है ताकि वे संस्था के हित मे निर्णय ले सके ।
व्यय ~ व्यवसाय में लाभ कमाने हेतु जो लागत लगती है उसे व्यय कहते है
प्रकार
1 पूंजीगत व्यय ~ एक वर्ष से अधिक लाभ कमाने हेतु जो खर्च किये जाते है जैसे-मशीनरी,फर्नीचर,बिल्डिंग आदि
2 आयगत व्यय ~ एक वर्ष से कम अवधि में लाभ कमाने हेतु जो खर्च किये जाते है जैसे-सैलरी , कमीशन आदि
छूट Discount )
प्रकार
1 व्यापारिक छूट ( trade discount ) ~ विक्रेता द्वारा क्रेता को वस्तुओ के मूल्य में जो कटौती की जाती है।
2 नकद छूट (cash discount ) ~ भुगतान को जल्दी प्राप्त करने के लिए फि गयी छूट ।
History of accounting ~ लेखांकन के इतिहास में दोहरा लेखांकन प्रणाली के जन्मदाता लुकास पेसियोली थे जो इटली के वेनिस नगर के रहने वाले थे उन्होंने अपनी पुस्तक de compaset of scripturis1494 में दोहर्क़ लेखा प्रणाली का वर्णन किया।
Debit शब्द debito , Credit शब्द credito से बना है।
Huge old castle ने 1543 में दोहरा लेखा प्रणाली की पुस्तक का अंग्रेजी अनुवाद किया
1795 edward jones ने पुस्तपालन की अंग्रेजी प्रणाली की पुस्तक लिखी। उसे अंग्रेजी प्रणाली की प्रथम पुस्तक कहा जाता है।
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