लोक प्रशासन की विकसित और विकासशील देशों में भूमिका
?लोक प्रशासन की भूमिका विकसित और विकासशील देशों में बढ़रही है
?विकासशील देशों में इसकी भूमिका अपेक्षाकृत अधिक निर्णायक है
?विकासशील देशोंमें लोक प्रशासन को ऐसे कार्यभी करने पड़ते हैं जो इसके वैध दायरे से बाहर होते हैं
?लोक प्रशासन के द्वारा किसी देश की व्यवस्था उस के ढांचे में परिवर्तन लाया जा सकता है
?लोक प्रशासन के द्वारा किसी देश की सरकार द्वारा योजनाएं क्रियान्वित की जाती है
??विकसित देशों में लोक प्रशासन की भूमिका??
?विकसित देशों के नेता परिपक्व होते हैं
?वह सिर्फ नीति निर्माण में ही सक्रिय रुप से भाग नहीं लेते बल्कि नौकरशाही को भी निरंकुशहोने से रोकते हैं
?राजनीतिज्ञ तथा प्रशासक के मध्य एक प्रकार का संतुलन पाया जाता है
?विकसित देशों की नौकरशाही अधिक विशिष्ट और व्यावसायिक है
?उन्हें न सिर्फ विकसित व्यवस्था के अंतर्गत बल्कि उच्चतम तकनीकी पर आधारित विकसित तकनीक के साथ जटिल कार्य को पूरा करना होता है
?इस प्रकार नौकरशाही व्यवसायिक योग्यता के साथ-साथ विशिष्टता की वृद्धि लोक सेवा में करती है
?यहां पर लोक प्रशासन का ढांचा वृद्धस्तरीय संगठनहै
?जिसका ढांचा इस प्रकार का होता है जो पेचीदे कार्य को भी संपन्न करने में सफल हो सका है
??विकासशील देशों में लोक प्रशासन की भूमिका??
?विकासशील देशों में लोक प्रशासन की मूल विशेषता यह है कि उनकी राजनीतिक कार्यपालिका इतनी परिपक्व नहींहोती कि वे आर्थिक नीतियों का निर्माण कर सके
?जब राजनीतिज्ञ नीति के निर्धारण और कार्यान्वयन में असफल हो जाते हैं तो प्रशासन नीति निर्माण और इसके कार्यान्वयन में अहम भूमिका निभाता है
?इस प्रकार विकसित देशों की अपेक्षा विकासशील देशों के प्रशासक नीति निर्माण और क्रियान्वन में अधिक राजनीतिक शक्ति तथा सम्मान का प्रयोग करते है
?राजनीतिज्ञों द्वारा प्रशासकों पर उचित नियंत्रण के अभावमें दोनों के मध्य एक प्रकार का असंतुलन पाया जाता है
?जनता की आकांक्षाओं को देखते हुए प्रशासन से आशाकी जाती है कि वह समाज के कमजोर व पिछडे वर्ग के लोगों के उत्थान के लिए उचित नीतियों और विधेयकों के कार्यक्रम पर विचार करें
?आर्थिक क्षेत्र में प्रशासनके समस्त आर्थिक विकास से संबंधित कठिन कार्यहोते हैं
?इससे प्रशासन से यह आशा की जाती है कि वह न केवल उत्तम उत्पादन से संबंधित निवेश नीतियों को लागू करें बल्कि संकट के समय स्वयं ही उद्यमों को सुचारु रुप से चलाएं
?सामाजिक और आर्थिक क्षेत्र में योगदान के अतिरिक्त विकासशील देशों में लोक प्रशासन की मूल विशेषता इसका विकासोन्मुखी होना है
?विकासशील देशों के प्रशासक सीधे तौर पर राजनीति में भागनहीं लेते बल्कि नीति के क्रियान्वयन के दौरान उन्हें अनेक ऐसी जिम्मेदारी निभानी पड़ती है
?जिनका सीधा संबंध कार्यपालिका से होता है
?विकास कार्यों के मार्ग में मानव शक्ति का अभाव औपनिवेशिक काल की प्रशासनिक व्यवस्था प्रशासक तथा प्रशासित के मध्य अनुचित संबंध आदि विकासशील देशों की प्रशासनिक व्यवस्था के लक्षण या विशेषताएंहैं
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