व्याकरण(vyakaran)-Grammar

व्याकरण(vyakaran)-Grammar


प्रश्न :- व्याकरण किसे कहते हैं ?
उत्तर :- वह शास्त्र जिससे शब्दों की शुद्धि होती है । उस  शास्त्र को ही व्याकरण कहा जाता है ।

प्रश्न :- संस्कृत भाषा का व्याकरण कौन सा है ?
उत्तर :- सँस्कृत भाषा का सर्वश्रेष्ठ व्याकरण अष्टाध्यायी और महाभाष्य है ।

प्रश्न :- अष्टाध्यायी किसको कहते हैं ?
उत्तर :- आठ अध्यायों के शास्त्र को अष्टाध्यायी कहते हैं ।

प्रश्न :- अष्टाध्यायी में क्या है ?
उत्तर :- अष्टाध्यायी में सम्पूर्ण शब्द विज्ञान है ।

प्रश्न :- अष्टाध्यायी में कितने सूत्र हैं ?
उत्तर :- अष्टाध्यायी में कुल ३९८० सूत्र हैं ।

प्रश्न :- सूत्र किनको बोलते हैं ?
उत्तर :- संक्षिप्त नियमों को सूत्र कहते हैं ।

प्रश्न :- अष्टाध्यायी सूत्रों को पढ़ने से क्या होगा ?
उत्तर :-आष्टाध्यायी सूत्रों को पढ़ने से शब्द विज्ञान का बोध होगा । और संस्कृत भाषा बोलने और अर्थ करने में शुद्धता आएगी 

प्रश्न :- अष्टाध्यायी सूत्रों में कौनसा विज्ञान है ?
उत्तर :- अष्टाध्यायी का ये मूल सूत्र है :- ( अइउण् ऋऌक्एओङ् ऐऔच् हयवरट् लण् ञमङणनम् झभङ् घढधष् जबगडदश्
\खफछठथचटतव् कपय् शषसर् हल् ) इस सूत्र में सभी वर्ण आते हैं, इनको आगे पीछे एक दूसरे के साथ कब, कहाँ और कैसे जोड़ना है इसी का विज्ञान इन ३९८० सूत्रों में है ।

प्रश्न :- अष्टाध्यायी की रचना किसने की ?
उत्तर :- अष्टाध्यायी की रचना महर्षि पाणीनि ने की है ।

प्रश्न :- महाभाष्य क्या है ?
उत्तर :- महाभाष्य पाणीनि मुनि की अष्टाध्यायी के ३९८० सूत्रों का भाष्य है ।

प्रश्न :- महाभाष्य की रचना किसने की ?
उत्तर :- महाभाष्य की रचना महर्षि पतञ्जली ने की । ( लेकिन ये पतञ्जली मुनि , योगशास्त्र की रचना करने वाले पतञ्जली मुनि से अलग हैं, दोनों एक ही नहीं हैं )

प्रश्न :- व्याकरण पढ़ने के क्या लाभ हैं ?
उत्तर :- व्याकरण पढ़ने के लाभ नीचे लिखित हैं :-
(१) व्याकरण पढ़ने वाले मनुष्य का शब्द कोष करोड़ों अरबों का हो जाता है । क्योंकि वह असंख्य शब्द अपने आप बना सकता है ।
(२) व्याकरण पढ़ा हुआ मनुष्य वेद और सभी शास्त्रों का शुद्ध अर्थ करने में समर्थ होता है ।
(३) व्याकरण पढ़ा हुआ मनुष्य शब्द ज्ञान से परिपूर्ण होता है ।
(४) वह लौकिक और वैदिक दोनों शब्दों के अर्थ का जानने वाला होता है ।

प्रश्न :- वेदों का सपष्ट और शुद्ध अर्थ किससे होता है ?
उत्तर :- वेदों का शुद्ध और स्पष्ट अर्थ केवल पाणीनिय व्याकरण से ही होता है । ( कौमुदी या सारस्वत जैसे अवैदिकव्याकरण से नहीं )

प्रश्न :- व्याकरण को पढ़ने में कितना समय लगता है ?
उत्तर :- व्याकरण को पढ़ने के लिए ३ से लेकर ४ वर्ष तक का समय लग सकता है । डेढ वर्ष में अष्टाध्यायी और डेढ वर्ष में महाभाष्य ।

प्रश्न :- ये व्याकरण कहाँ पर पढ़ाया जाता है ?
उत्तर :- पाणीनि और पतञ्जली मुनियों का ये व्याकरण आर्य समाज के गुरुकुलों में या काशी के कुछ स्थानों में पढ़ाया जाता है

प्रश्न :- संस्कृत के व्याकरण की क्या विशेषता है ?
उत्तर :- ये व्याकरण पूरी पृथ्वी पर मानव मस्तिष्क की अब तक की सर्वश्रेष्ठ रचना है । और ये व्याकरण के नियमों में किञ्चित मात्र भी परिवर्तन नहीं हुआ करोड़ों वर्षों से जैसा था​​

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