- कुन्तल — वक्रोक्तिजिवित
- कुसुमदेव — द्र्श्तन्तशतक
- लक्ष्मण आचार्य — चन्डीकुचपंचशिखा
- लक्ष्मण भट्ट — रामायणचम्पु (with भोज)
- लक्ष्मीधर — सद्भाषाचन्द्रिका
- लक्ष्मीधर — स्मृतिकपतरु
- लल्ल — शिष्यधिव्र्द्धितन्त्र
- लौगक्सि भास्कर — अर्थसंग्रह, तर्ककौमुदि
- लीलाशुक — कृष्णकर्णामृत
- लोकसेन — उत्तरपुराण continues
- लोलिम्बराज — हरिविलास, वैद्यजीवन
- मदनपल — मदनविनोदनिघन्तु
- माधव brother of सयन — part author of जीवनमुक्तिविवेक, धातुवृत्ति, न्यायमालाविस्तर, पंचदशि, पराशरस्मृतिव्याख्या
- माधव — शंकरदिग्विजय
- माधव — सर्वदर्शनसंग्रह
- माधव — जीवनमुक्तिविवेक
- मधव्कर — रुग्विनिश्चय
- मधुसूधन सरस्वति — प्रस्थानभेद
- मध्व — तत्त्वसांख्यन
- माघ — शिशुपालवध
- महनमन् — महावन्स
- महावीराचार्य — गणितसारसंग्रह
- महेश्वर — विश्वप्रकाश
- महिमन् भट्ट — व्यक्तिविवेक
- मैत्रेयरक्षित — धातुप्रदीप
- मकरन्द — तिथ्यादिपत्र
- मल्लवदिन् — न्यायबिन्दुटीकातिप्पनि
- मल्लिसेन — स्यद्वदमन्जरि
- मम्मट — काव्यप्रकाश
- मनतुन्ग — भक्तमरस्तोत्र
- मण्डन मिश्र — मीमांसानुक्रमणि, विधिविवेक
- माणिक्य नन्दिन् — परिक्षमुखसूत्र
- माणिक्य सुरि — यशोधरचरित्र
- मन्ख — अनेकार्थकोश, श्रीकण्ठचरित
- मार्कण्डेय — प्राकृतसर्वस्व
- मथुरनत्थ — तत्त्वचिन्तामणिरहस्य
- मत्र्चेत — वर्णनर्हवर्णन, शतपंचशतिकस्तोत्र
- मयूर — मयूराष्टक, सूर्यशतक
- मेधतिथि (गौतम) — न्यायशास्त्र
- मेदिनिकर — अनेकार्थशब्दकोश
- मेघविजय — पंचख्यनोद्धर
- मेन्थ — हयग्रीववध
- मेरुतुन्ग — प्रबन्धचिन्तामणि
- मिल्हन — चिकित्सामृत
- मित्र मिश्र — वीरमित्रोदय
- मोग्गल्लन — सद्दलक्खन
- मुक — पंचशति
- नागराज — भावशतक
- नागर्जुन — योगशतक, योगसार
- नागर्जुन — रतिशास्त्र
- नागर्जुन — रसरत्नाकर
- नागर्जुन — धर्मसंग्रह, मध्यमिकसूत्र, मध्यमकरिकास्,सुह्र्ल्लेख
- नगोजि भट्ट — परिभसेन्दुशेखर
- नकुल — अश्वचिकित्सित
- नारद — भक्तिशास्त्र (ascr —)
- नरहरि — राजनिघन्तु
- नरहरि — नरपतिजयाचार्य स्वरोदय
- नारायण पण्डित — हितोपदेश
- नारायण — मतंगलिल
- नारायण — स्वहसुधाकरचम्पु
- नारायण — वृत्तिरत्नाकर
- नारायण भट्ट — मनमेयोदय
- नारायण पण्डित — नवरत्नपरिक्ष
- नीलक्ण्ठ — भगवन्तभास्कर
- नीलक्ण्ठ — तजिक
- निम्बर्क — वेदान्तपारिजतसौरभ, सिद्धान्तरत्न
- नित्यनाथ — रसरत्नाकर
- ओदयदेव — गद्यचिन्तामणि
- पदलिप्त — तरंगवति
- पद्मगुप्त — नवसहसन्कचरित
- पद्मनभदत्त — सुपद्मव्याकरण
- पद्मपद — पंचदीपिका
- पैथिनसि — धर्मसूत्र
- पाणिनि — अष्टध्यायी, उणादिसूत्र,जाम्बवतीविजय, पातलविजय
- परमानन्द — शृन्गारसप्तशतिक
- पतञ्जलि — महाभाष्य
- पिन्गल — छन्दस्सूत्र
- पृथुयशस् — होरासत्पंचशिखा
- प्रभाचन्द्र — प्रभावकचरित्र (with प्रद्युम्न सुरि),न्यायकुमुदचन्द्रोदय,प्रमेयकमलमार्तण्ड
- प्रभाकर — बृहति
- प्रद्युम्न सुरि — प्रभावकचरित्र
- प्रज्य भट्ट — राजवलिपतक
- प्रशस्तपद — पदार्थधर्मसंग्रह
- प्रवरसेन — सेतुबन्ध
- पूर्णभद्र — पंचतन्त्र
- पुरुषोत्तमदेव — भासवृत्ति
- पुरुषोत्तमदेव — त्रिकन्दशेष, हरवलि
- पुष्पदन्त — महिम्नह्स्तव
- रघुनन्दन — तत्त्वस्
- रघुनाथ शिरोमणि — दिधिति
- राजशेखर — अन्तरकथासंग्रह, प्रबन्धकोश
- राजशेखर (dramatist and critic) — काव्यमीमांसा,हरविलास
- रामचन्द्र — नाट्यदर्पण (with गुणचन्द्र)
- रामचन्द्र — प्रक्रियाकौमुदि
- रामचन्द्र — रसेन्द्रचिन्तामणि
- रामानुज — गीताभाष्य, वेदान्ततत्त्वसार,वेदान्तदीप, वेदार्थसंग्रह, श्रीभाष्य
- राम तर्कवगिश — प्राकृतकल्पतरु
- रणरंगमल्ल or भोज — राजवर्त्तिका
- रत्नाकर — वक्रोक्तिपंचशिखा, हरविजय
- रत्नशेखर — छन्दकोश
- रावण — प्राकृतकामधेनु
- रविदेव — राक्षसकाव्य
- रविसेन — पद्मपुराण
- रयमुकुट — पदचन्द्रिका on अमरकोश
- रेवनरध्य — स्मरतत्त्वप्रकशिका
- रूपगोस्वामीन् — पद्यावलि
- रुद्र भट्ट — शृन्गारतिलक
- रुद्रदेव — श्यैनिकशास्त्र
- रुद्रत — काव्यालंकार
- रुय्यक — अलंकारसर्वस्व
- शक्तिभद्र — अश्चर्यचूडमणि
- शाक्यमित्र — पंचक्रम (in part)
- शम्भु — अन्योक्तिमुक्तलताशतक, राजेन्द्रकर्णपुर
- शाण्डिल्य — भक्तिसूत्रस्
- शंकर — आत्मबोध, आनन्दलहरी, उपदेशसहस्रि,गीताभाष्य,दक्षिणामूर्तिस्तोत्र, देव्यपराधक्षमापनस्तोत्र
- (ascr—),द्वादशपन्जरिकस्तोत्र (ascr —), निर्वाणदशक(ascr—),भाष्य on ब्रह्मसूत्र, भवन्यस्तक (ascr —), मोहमुद्गर(ascr —),शंकरचेतोविलासचम्पु, सर्वसिद्धान्तसंग्रह,शतश्लोकि(ascr —शिवापराधक्षमापनस्तोत्र, सर्वदर्शनसिद्धान्तसंग्रह,हस्तमलकस्तोत्र
- शंकर मिश्र — उपस्कर
- शंकरस्वामिन् — न्यायप्रवेश (ascribed to)
- शन्खलिखित — धर्मसूत्र, स्मृति
- शन्तनव — फित्सूत्र
- शान्तिदेव — बोधिचर्यावतर, शिक्षासमुच्चय
- शरदतनय — भावप्रकाश
- शरनदेव — दुर्घतवृत्ति
- शर्न्गदेव — संगीतरत्नाकर
- शर्न्गधर — शर्न्गधरपद्धति
- शर्न्गधर — संहिता on medicine
- शर्ववर्मन् — कतन्त्र
- शाश्वत — अनेकार्थसमुच्चय
- शतानन्द — भस्वति
- शेषनाग — प्राकृतव्याकरणसूत्र
- शिल्हन — शान्तिशतक
- शिवदास — कथार्नव, भिक्षाटनकाव्य,शालिवाहनकथा
- शिवादित्य — सप्तपदर्थि
- शिवस्वामीन् — कप्फनभ्युदय
- श्रीधर — न्यायकन्दलि
- श्रीधर — त्रिशति
- श्रीधरदास — सदुक्तिकर्णामृत, सुक्तिकर्णामृत
- श्रीहर्ष — खण्डनखण्डखद्य, नवसहसन्कचरित,नैसधिय,श्लेशर्थपदासंग्रह
- श्रीकण्ठ शिवाचार्य — शैवभाष्य
- श्रीकुमार — शिल्परत्न
- श्रीनिवास — यतीन्द्रमतदीपिका,
- सकलाचार्यमतसंग्रह
- श्रीवर — कथाकौतुक, जैन राजतरन्गिनि,सुभाषितावलि
- श्रीवत्सन्क — यमकरत्नाकर
- शुभचन्द्र — ज्ञनर्नव
- सदानन्द — वेदान्तसार
- सागरनन्दिन् — नाटकलक्षणरत्नकोश
- सकलकीर्ति — तत्त्वार्थसारदीपिका,प्रश्नोत्तरपसकचर
- समन्तभद्र — अप्तमीमांसा
- सन्ध्याकरनन्दिन् — रामपलचरित
- सर्वज्ञमित्र — स्रग्धरस्तोत्र
- सर्वज्ञात्मन् — संक्षेपशरीरक
- सर्वानन्द — जगदुचरित
- सयन — ऋग्वेदभ्यास, सुभाषितसुधानिधि
- सिद्धर्षि — उपमितिभवप्रपंच कथा
- सिद्धसेन दिवाकर — कल्याणमन्दिरस्तोत्र,न्यायवतर
- सिंहराज — प्राकृतरूपवतर
- सोद्धल — उदयसुन्दरिकथा
- सोम — रागविबोध
- सोमदेव (सुरि) — नीतिवाक्यमृत, यशस्तिलक
- सोमदेव, काश्मीरी poet — कथासरित्सागर
- सोमानन्द — शिवदृष्टि
- सोमनाथ — रागविबोध
- सोमप्रभा — शृन्गारवैराग्यतरन्गिनि
- सोमेश्वरदत्त — कीर्तिकौमुदि, सुरथोत्सव
- सुबन्धु — वासवदत्ता
- सुमति — सुभाषितावलि
- सुरपल — वृक्षायुर्वेद
- सुरेश्वर — मनसोल्लस, नैश्कर्म्यसिद्धि
- सुरेश्वर — शब्दप्रदीप
- स्वात्माराम योगीन्द्र — हठयोगप्रदीपिका
- तिसत — चिकित्साकलिका
- त्रिमल्ल — पथ्यपथ्यनिघन्तु
- त्रिविक्रम भट्ट — नलचम्पु, दमयन्तिकथा, मदलसचम्पु
- त्रिविक्रम — प्राकृतशब्दनुशासन
- उदयन — आत्मतत्त्वविवेक, किरणावलि,कुसुमान्जलि,तात्पर्यपरिशुद्धि,बौद्धधिक्कर, लक्षनावलि
- उद्भत — अलंकारसंग्रह, भमहविवरण
- उग्रभूति — शिष्यहितन्यस
- उमस्वति — तत्त्वार्थधिगमसूत्र
- उशनस् — धर्मसूत्र, स्मृति
- उत्पलदेव — ईश्वरप्रत्यभिज्ञसूत्र, स्तोत्रावलि
- उत्प्रेक्षवल्लभ — भिक्षाटनकाव्य
- वाचस्पति — चिन्तामणि on law
- वाचस्पति — शब्दर्नव
- वाचस्पति मिश्र — तत्त्वबिन्दु, न्यायकनिक,
- न्यायवर्त्तीकातत्पर्यतीका,
- भमति, सांख्यतत्त्वकौमुदि
- वाग्भट i — अष्टंगसंग्रह (related to अष्टंगह्र्दयसंहिता)
- वाग्भट ii — अष्टंगह्र्दयसंहिता
- वाग्भट — अलंकार
- वाग्भट — काव्यनुशासन
- वाग्भट — नेमिनिर्वन
- वाग्भट — रसरत्नसमुच्चय
- वैद्यभानु पन्डित — सदुक्तिकर्णामृत
- वाक्पति — गौडवह
- वल्लभ — अनुभाष्य
- वल्लभदास — version of वेतालपंचविन्शतिक
- वल्लभदेव — सुभाषितावलि
- वाल्मीकि — सूत्र
- वामन — काशिकावृत्ति, काव्यालंकार with वृत्ति
- वामन — authority on poetics, लिन्गनुशासन
- वामन भट्ट बाण — पार्वतीपरिणय, नलभ्युदय,
- वेमभुपलचरित
- वन्दरु भट्ट — उत्तरनैशधिय
- वन्द्यघटीय सर्वानन्द — टीकासर्वस्व on अमरकोश
- वंगसेन — चिकित्सासारसंग्रह
- वरदराज — मध्यसिद्धान्तकौमुदि,लघुसिद्धान्तकौमुदि
- वरदराज — तर्किकरक्ष
- वराहमिहिर — पंचसिद्धन्टीका, बृहज् जातक,
- बृहत्संहिता, बृहद् विवाहपटल,
- लघु जातक, स्वल्प विवाहपटल
- वररुचि — लिन्गनुशासन
- वररुचि — नीतिरत्न
- वररुचि — प्राकृतप्रकाश
- वररुचि — सिंहासनद्वत्रिन्चिका
- वर्धमान — गनरत्नमहोदधि
- वर्धमान — योगमन्जरि
- वर्षगण्य — सश्तितन्त्र
- वसुबन्धु — अभिधर्मकोश, गाथासंग्रह,
- परमार्थसप्तति
- वसुदेव — त्रिपुरदहन, धातुकाव्य, युधिष्ठिरविजय,शौरिकथोदय
- वसुगुप्त — शिव सूत्र
- वात्स्यायन — कामसूत्र
- वात्स्यायन — न्यायभाष्य
- वेदान्गरय — परसिप्रकाश
- वेदान्तदेशिका — सुभाषितनिवि
- वेताल भट्ट — नीतिप्रदीप
- विद्याधर — एकावलि
- विद्यामाधव — पार्वतीरुक्मिणीय,विद्यामाधवीय
- विद्यानाथ — प्रतपरुद्रयशोभूषण
- विद्यापति — पुरुषपरीक्षा
- विज्ञानेश्वर — मितक्षर
- विज्ञानभिक्षु — योगसारसंग्रह
- विक्रम — नेमिदुत
- विक्रमादित्य — संसारवर्त
- विमाला सुरि — पौमचरिय
- विरूपक्सनाथ — विरूपक्सपंचशिखा
- विशाखदत्त — मुद्रारक्षस
- विश्वनाथ — भासपरिछेद
- विश्वनाथ — साहित्यदर्पण
- विश्वेश्वर — मदनपरिजत
- विष्णुशर्मा — पंचतन्त्र
- वोपदेव — मुग्धबोध, कविकल्पद्रुम, शतश्लोकि
- वृन्द — सिद्धियोग, वृन्दमाधव
- व्यास — योगभाष्य
- यादवप्रकाश — वैजयन्ति
- यक्षवर्मन् — चिन्तामणि शकतयन व्याकरण
- यशोधर — जयमंगल on कामसूत्र
- यशोमित्र – अभिधर्मकोशव्याख्या।
विद्या रुपं धनं शौर्यं कुलीनत्वमरोगता ।
राज्यं स्वर्गश्च मोक्षश्च सर्वं धर्मादवाप्यते ॥
विद्या, रुप, धन, शौर्य, कुलीनता, स्वस्थ शरीर, राज्य, स्वर्ग और मोक्ष – ये सब धर्म से पाये जा सकते हैं।