खारे पानी की झीलें मुख्यतः टेथिस सागर के अवशेष का परिणाम है इसका एक उदाहरण साम्भर झील के रूप मे है। रेगिस्तान में खारे पानी की झीलों को प्लाया तथा तटीय इलाकों में खारे पानी की झीलों को कयाल/लेंगून कहते हैं ।
भारत की सबसे बड़ी खारे पानी की झील चिल्का झील उड़ीसा है। भारत की दूसरी सबसे बड़ी व राज्य की सबसे बड़ी खारे पानी की झील सांभर झील जयपुर हैं। सांभर राज्य का सबसे बड़ा नमक उत्पादन केंद्र एवं एशिया का सबसे बड़ा अंत स्थलीय नमक उत्पादन केंद्र है।
स्थिति ( Location of Sambhar Lake )
सांभर झील जयपुर से 70 किमी. दूर फुलेरा नामक स्थान पर 27° उत्तरी अक्षांश से 29° उत्तरी अक्षांश तथा 74° पूर्वी देशांतर से 75° पूर्वी देशांतर के बीच अवस्थित है।
सांभर झील जयपुर, अजमेर, नागौर तीनो जिलो की सीमा पर है।
इस झील की धरातलीय ऊंचाई समुद्र तल से 300-400 मी. के मध्य स्थित है।
यह झील लगभग 32 किमी. लम्बी एवं 3-12 किमी. चौड़ी है । एवं वर्षा ऋतु में इसका विस्तार 145 किमी. तक हो जाता है।
इसका मुख्य अपवाह क्षेत्र 500 वर्ग किमी. है ।
इसका अपवाह क्षेत्र उतर में कांतली नदि बेसिन से , पूर्व में बान्डी नदी प्रवाह क्रम , दक्षिण मे मासी नदी बेसिन व पश्चिम में लुनी नदी बेसिन से घिरा हूआ है ।
सांभर झील में गिरने वाली नदियां ( Rivers falling into the lake of Sambhar )
सांभर झील में चार नदियां अपना जल गिराती है-
उत्तर दिशा से मेंथा
दक्षिण दिशा से रूपनगढ़
खारी
खंडेला
सांभर झील में नमक उत्पादन ( Salt production in Sambhar lake )
भारत के कुल नमक उत्पादन का 8.7% यहीं से उत्पादित होता है ।सांभर झील में 4 मीटर की गहराई तक लगभग 350 लाख टन नमक प्राप्त होता है।यहाँ पर 4000MW का सौर ऊर्जा संयंत्र लगाया जायेगा ।
सांभर झील में नमक बनाने की दो विधियां हैं?
बाह्य नदियों द्वारा
केशाकर्षण पद्धति
बाह्य नदियों द्वारा- मेंथा, रूपनगढ़, खारी, खंडेला नदियां लगभग 157867 टन नमक बहाकर हर वर्ष सांभर झील में जमा करती है।
केशाकर्षण पद्धति - झील के पानी के नीचे लवणीय शैल होती है।उन शैलो के उपर केशाकर्षण पद्धति से नमक की परत बनायी जाती है उससे वाष्पोतसर्जन पद्धति से नमक प्राप्त कर लिया जाता है।
इस पद्धति से तैयार नमक को 'क्यार'नमक कहा जाता है।
इस नमक में स्पाइरूलिना नामक शैवाल पाया जाता है जिसमें 65% तक प्रोटीन पाया जाता है।साम्भर झील मे खारे पानी की मात्रा को कम करने के लिय स्वेडाफ्रूटी व सालवेडोरा वनस्पति सहायक है ।
केन्द्र व राज्य के संयंत्र ( Center and state plant in Sambhar lake )
केन्द्र सरकार की और से हिंदुस्तान साल्ट लिमिटेड कम्पनी की स्थापना 12th April 1958 मे की गयी । राज्य सरकार ने साम्भर साल्ट लिमिटेड कम्पनी की स्थापना की गयी ।केन्द्र सरकार की और से इस झील पर सोडियम सल्फेट संयंत्र भी लगाया गया है ।
साम्भर झील पर पर्यटन विकास हेतु रामसर साइट नाम से 1990 मे पर्यटन स्थल विकसित किय गया है जिसके पास अंग्रेजों द्वारा 1870 मे निर्मित देश का एकमात्र साल्ट म्यूज़ीयम /नमक.का अजायबघर स्थित है ।
नोट - साम्भर झील को अंग्रेजों ने 1817 लीज पर लिया तथा साम्भर झील में नमक क्यार पद्धति से बनाया जाता है ।गुजरात का राज्य पक्षी राजहंस व विरह का प्रतीक कूरजा पक्षी (खिंचन गाँव फलोदी जोधपुर से ) विचरण के लिय आते है।
साम्भर में प्रमुख धार्मिक व दर्शनीय स्थल
ययाति की साम्राज्य स्थली , चौहानो की राजधानी , अकबर की विवाह स्थली , जहांगीर का ननिहाल , संत दादू की पुण्य भूमि , शाकम्भरी माता का मंदिर , नालीसर मस्जिद आदि स्थान लोकतीर्थ देवयानी (तीर्थों की नानी ) के नाम से प्रसिद्ध साम्भर में है ।
5 Comments
अजय सराफ
8 months ago - Replyबहुत सुंदर जानकारी अजय सराफ Madha Pradesh Indore
Shrisha
2 years ago - Replyvery nice info.thank you
Neelesh
5 years ago - ReplyIs vishay par aapne bhut achhi jankari share ki hai sir. Nice
Prem bror
6 years ago - ReplyHINDUSTAN SAMBHR SOLT LIM. KI STHAPNA GOVT.NE -1964 me ki thi
lokesh kumar
6 years ago - Reply12 april 1959