झुंझुनू जिला दर्शन | शेखावाटी का सिरमौर | मरुस्थल का सिंह द्वार
झुंझुनू जिला राज & भारत में अपनी विशिष्ट पहचान रखता है। राज के जयपुर संभाग में शामिल जिलो में शामिल हैं। आज प्रदेश में साम्प्रदायिक सद्भाव की दृष्टि से अपनी विशेष पहचान रखता हैं।
विधानसभा क्षेत्र - झुंझुनूं, मण्डावा, पिलानी, नवलगढ़, खेतड़ी, उदयपुरवाटि, सूरजगढ़
नदी - कांटली (प्रवाह क्षेत्र - तोरावाटी)
साक्षरता - 74.1%
लिगांनुपात - 950
जनसंख्या घनत्व - 361
शुभंकर - काला तीत
उपनाम -
ताम्बा जिला
शेखावाटी का सिरमौर जिला
मरुस्थल का सिंह द्वार वाला जिला
ऐतिहासिकपरिदृश्य
झुंझुनू जिले में फिरोज खान तुगलक के बाद कायम खा के पुत्र मुहम्मद खा ने राज किया था। आखिरी नवाब रुहेला खा था। इनके बाद शेखावत राजपूतों ने आधिपत्य कर लिया। झुंझुनूं जिला आज राज. में अपनी विशिष्ट पहचान रखता है। एक मत के अनुसार झुंझुनूं जिले को 1451-88 के बीच जुंझा नामक जाट ने बसाया था। शार्दुल सिंह के निधन के बाद उनके पांच पुत्रों के मध्य झुंझुनूं का विभाजन हुआ जो पँचपना कहलाया था (नवलगढ़, डूंडलोद, बिसाऊ, मण्डावा, मलसीसर) ।
1834ई में हेनरी फोरेस्टर द्वारा शेखावाटी ब्रिगेड का गठन झुंझुनूं में किया गया था। इसका उद्देश्य - मराठों एव पिण्डारियों के अंत करना था।
पिलानी - (CEERI) केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान
खेतड़ी - ज्योति ट्रिपल कारखाना
खेतड़ी - हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड - की स्थापना 1967 में अमेरिका के सहयोग से की गई।
प्रमुखनदी - कांटली
राज में पूर्ण बहाव की दृष्टि से आंतरिक प्रवाह की सबसे लंबी नदी हैं। इसके किनारे गणेश्वर सभ्यता हैं। यह झुंझुनूं को 2 भागों में बांटती हैं।
खनन
उदयपुरवाटी - ग्रेनाइट & लाइमस्टोन खनन के लिए प्रसिद्ध
सिंघाना - लौह अयस्क खनिज क्षेत्र
लौह अयस्क खान - डाबला, नाई की ढाणी, सीओरी की खान
कैल्साइट - पपरना, माधोगढ़
ताम्बा - खेतड़ी, सिंघाना, बबाई।
प्रमुखसभ्यता - सुनारी (लौह गलाने की प्राचीनतम भट्टियां मिली थी)
झुंझुनू जिले के प्रमुखमेलेऔरत्योहार
राणीसती - का वास्तविक नाम नारायणी बाई था। दादीजी के नाम से लोकप्रिय है। विश्व का सबसे बड़ा सतियो का मेला भाद्रपद अमावस्या को लगता हैं। प्रतीक चिन्ह - सिंदूर व चुनरी। अपने पति तनधनदास की मृत्यु का बदला हिसार नवाब को मारकर लिया। 1987 में भारत सरकार ने सती प्रथा निरोधक अधिनियम बनाया। राणी सती के परिवार में एक साथ 13 स्त्रियां सती हुई थी ।
रामदेवजीमेला - नवलगढ़ व लोयल में लगता हैं।
सुन्दरदासजीमेला- वर्दवान में जन्माष्टमी पर कृष्ण जी का मेला लगता हैं।
रायतमतामेला - गागीयासर ( यह विजयदशमी पर भरता है
मनसादेवी - उदयपुरवाटी में चैत्र सुदी 8 एवं आसोज सुदी 8 को लगता हैं।
1 Comments
पाली जिला दर्शन | मारवाड़ | Rajasthan District in Hindi
1 year ago - Reply[…] झुंझुनू जिला दर्शन | शेखावाटी का सिरमौ… […]