ब्रिटिश काल तक की भारत की वास्तु परम्परा

ब्रिटिश काल तक की भारत की वास्तु परम्परा


नागर शैली - मंदिर निर्माण की नागर शैली उत्तरी भारत में हिमालय से विंध्य प्रदेश के भूभाग में फैली थी। नागर शैली के मंदिर चतुष्कोणीय तथा ऊपर की ओर वक्र होते हुए शिखर इनकी विशेषता थी। उड़ीसा का लिंगराज मंदिर, पुरी का जगन्नाथ मंदिर, कोणार्क का सूर्य मंदिर व खजुराहो के मंदिर नागर शैली में है।

द्रविड़ शैली - यह कृष्णा तथा कुमारी अंतरीप के बीच फैली थी। द्रविड़ शैली के मंदिरों का आकार अष्टभुजाकार तथा शिखर पिरामिड के प्रकार के होते थे। तंजौर का बृहदेश्वर मंदिर, कांची का कैलाशनाथ मंदिर, महाबलीपुरम के मंदिर इस शैली में बने।

चोल वास्तुकला - 10 वीं - 11 वीं शताब्दी में चोल वास्तुकला का विकास हुआ। इसके तहत वृहदेश्वर मंदिर (तंजौर), विजयालय चोलेश्वर के मंदिर आते हैं। यह मंदिर द्रविड़ कला से प्रभावित है और इनमें सुंदर चित्रकारी की गई है।

गांधार कला शैली - गांधार कला शैली बौद्ध मूर्तिकला की एक विशिष्ट शैली है। इसका विकास ईसा की प्रथम - द्वितीय शताब्दी (कनिष्क काल) में हुआ था। इसे इंडो ग्रीक कला के नाम से भी जाना जाता है।

चमकीली लाल मृदभांड संस्कृति या परम्परा - गुजरात के काठियावाड़ क्षेत्र में उत्तर हड़प्पा कालीन क्रम एवं नव मृदभांड का क्रमिक संबंध दिखाई देता है। इस संस्कृति का अनुमानित समय 2000 से 1500 बीसी के मध्य है।

काली लाल मृदभांड परंपरा - गुजरात, सौराष्ट्र, आहड़, गंगा घाटी, पूर्वी भाग दक्षिणी भाग इसके प्रमुख केंद्र थे। इस संस्कृति से आरंभिक ऐतिहासिक काल आरंभ माना जाता है। इस संस्कृति का अनुमानित समय 1100-800 बीसी है।

नागर शैली/ उत्तर भारतीय शैली

नागर शैली की उत्पत्ति गुप्तकाल के संरचनात्मक मंदिर विशेषकर देवगढ़ के दशावतार मंदिर और भीतर गांव के ईंटों के बने मंदिरों से हुई। चंदेल, सोलंकी शासकों तथा बंगाल ओडिशा और असम के राजाओं के शासनकाल में इस शैली का अधिक विकास हुआ।

नागर शैली के उदाहरण

  • मध्यप्रदेश का खजुराहो मंदिर

  • ओडिशा का जगन्नाथ मंदिर

  • ओडीशा का कोर्णाक में स्थित सूर्य मंदिर

  • गुजरात का मोधेरा में स्थित सूर्य मंदिर


द्रविड़ शैली/दक्षिण भारतीय शैली

चालुक्य पल्लव चोल चेर राष्ट्रकूट आदि शासकों ने द्रविड़ मंदिर स्थापत्य कला में अपना अद्वितीय योगदान दिया। द्रविड़ शैली पूर्वोत्तर श्रीलंका मालदीव और दक्षिण पूर्व एशिया के विभिन्न भागों में पाई जाती है।

द्रविड़ शैली के प्रमुख उदाहरण

  • मदुरै में स्थित मीनाक्षी मंदिर

  • महाबलीपुरम में स्थित शोर मंदिर

  • तंजौर में स्थित राजराजेश्वर या वृहदेश्वर मंदिर

  • कांचीपुरम में स्थित कैलाश मंदिर


बेसर शैली/दक्कन शैली

राष्ट्रकूट चालुक्य और होयसल शासन काल में बेसर शैली को काफी ख्याति मिली।

बेसर शैली के कुछ प्रमुख उदाहरण

  • एलोरा का कैलाश मंदिर

  • ऐहोल का दुर्गा मंदिर

  • कर्नाटक का सोमनाथ मंदिर


Specially thanks to Post and Quiz makers ( With Regards )

दिनेश मीना,झालरा टोंक 


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