लोक प्रशासन के क्षेत्र के संबंध में चार दृष्टिकोण प्रमुख हैं 1. व्यापक दृष्टिकोण 2. संकुचित दृष्टिकोण 3. पोस्टकाँर्ब दृष्टिकोण 4. आधुनिक दृष्टिकोण.
व्यापक दृष्टिकोण➖ व्यापक दृष्टिकोण के अनुसार लोक प्रशासन के क्षेत्र के अंतर्गत सरकार के तीनों अंगों कार्यपालिका व्यवस्थापिका और न्यायपालिका द्वारा संपादित कार्योंका अध्ययन किया जाता है संकुचित दृष्टिकोण➖ संकुचित दृष्टिकोण के अनुसार सरकार की कार्यपालिका शाखा द्वारा संपादित कार्यों का अध्ययन लोक प्रशासन के क्षेत्र के तहत माना जाता है
पोस्डकाँर्ब दृष्टिकोण
यह दृष्टिकोण लोक प्रशासन के क्षेत्र की सात गतिविधियोंको संचालित करता है P-Planning➖ योजना बनाना O-Organising➖संगठन बनाना S-Staffing➖ कार्मिक व्यवस्था D-Directing निर्देशन देना Co-Coordination➖.समन्वय करना R-Reporting➖ प्रतिवेदन देना और B-Budgeting➖ बजट बनाना आदि कार्य इस दृष्टिकोण के तहत होते हैं
आधुनिक दृष्टिकोण आधुनिक दृष्टिकोण में जैसे-जैसे राज्य के कार्यक्षेत्र बढ़ते जाते हैं लोक प्रशासन का क्षेत्र भी बढ़ता जाता है इसके अंतर्गत सामान्य प्रशासन, संगठन सेवी वर्ग,बजट और वित्त ,पद्धति तथा प्रक्रिया, साधन-सामग्री और पूर्ति, प्रशासकीय उत्तरदायित्व ,मानकीय तत्व ,उद्देश्य, नीति, नियोजन, निर्णय, समन्वय ,पर्यवेक्षण, नियंत्रण, गृह नीति ,वैदेशिक नीति, सामाजिक सुरक्षा ,कल्याणकारी योजनाएं,और उनका क्रियान्वयन आदि आता है
लोक प्रशासन की प्रकृति के दृष्टिकोण एकीकृत दृष्टिकोण- Integral view प्रबंधात्मक दृष्टिकोण- Managerial view आधुनिक दृष्टिकोण- Modern view एकीकृत दृष्टिकोण ह्वाइट पिफनर ओर एफ.एम.मार्क लोक प्रशासन के एकीकृत दृष्टिकोण के समर्थक हैं उनके अनुसार लोक प्रशासन का संबंध उन सभी कार्योंसे हैं जिनका प्रयोजन लोक नीति के उद्देश्य को पूरा करना होता है
प्रबंधकीय दृष्टिकोण साइमन स्मिथबर्ग और थाम्पसन* इस दृष्टिकोण के समर्थक हैं इस दृष्टिकोण में उन सभी व्यक्तियों को सम्मिलित किया जाता है जिनका संबंध योजना नीति निर्माण प्रक्रिया और प्रबंधकीय कार्यसे होता है
आधुनिक दृष्टिकोण आधुनिक दृष्टिकोण के अंतर्गत प्रशासन को गतिशील प्रक्रिया के रूप में देखा जाता है प्रशासन को बदलती हुई परिस्थितियों के अनुसार आधुनिक संदर्भ में देखा जाता है लोक प्रशासन के अंतर्गत सरकारी प्रयासों का प्रत्येक पहलूसम्मिलित है
लोक प्रशासन के अध्ययन के दृष्टिकोण लोक प्रशासन के अध्ययन को दो दृष्टिकोण मे बॉटा गया है 1. पहला दृष्टिकोण- परंपरागत दृष्टिकोण 2. दूसरा दृष्टिकोण- आधुनिक दृष्टिकोण
परंपरागत दृष्टिकोण➖ इस दृष्टिकोण में वैधानिक पद्धति, ऐतिहासिक पद्धति, विषय वस्तु पद्धति ,और वैज्ञानिक पद्धति सम्मिलित है आधुनिक दृष्टिकोण➖इस दृष्टिकोण के अंतर्गत व्यवहारवादी दृष्टिकोण, व्यवस्थावादी दृष्टिकोण, संरचनात्मक, कार्यात्मक दृष्टिकोण, घटना अध्ययन दृष्टिकोण, पारिस्थितिकी दृष्टिकोण सम्मिलित है
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