वागड क्षेत्र में प्रजामंडल आंदोलन

?राजस्थान की रियासतों में राजनीतिक चेतना के सृजन का श्रेय  सर्वप्रथम महर्षि दयानंद सरस्वती और उनके द्वारा स्थापित आर्य समाज को जाता है
?महर्षि दयानंद सरस्वती तीन बार राजस्थान में आए और यहां के राजा और जागीरदारों को प्रेरित किया
?यह यहां के राजाओं और जागीरदारों के माध्यम से यहां के शासन में सुधारऔर जनता में सामाजिक और राजनीतिक जागृतिलाना चाहते थे
?अत्याचारी सामंती व्यवस्था उसके संरक्षक निरंकुश राजतंत्र और ब्रिटिश साम्राज्यवाद के विरुद्ध सर्वप्रथम राजस्थान में विद्रोह का झंडा बुलंद करने का श्रेय यहां के आदिवासी भीलो और किसानोंको जाता है
?गोविंद गिरी ने जो कि एक भील नेताथे
?इन्होंने यहां की जनजातियों में जागृति उत्पन्न करी थी
?गुरु गोविंद गिरी महर्षि दयानंद की शिक्षाओंसे प्रभावित थे
?1938में हुए कांग्रेस के हरिपुरा अधिवेशनके बाद राजस्थान की विभिन्न रियासतों में नागरिक अधिकारों और उत्तरदायी सरकारों की स्थापना के लिए कहीं आंदोलन हुए
?वागड़ क्षेत्र की जन जागृति और राजनीतिक आंदोलनों पर महात्मा गांधी की अहिंसा सत्याग्रह की अवधारणा का गहरा प्रभाव पड़ा
?इस क्षेत्र में राजनीतिक जागृति रचनात्मक कार्योंके माध्यम से हुई

 ??डूंगरपुर प्रजामंडल?? 


?डूंगरपुर में सेवा संघ नामक संस्था ने भीलो और अन्य जातियों में जागृति उत्पन्न की थी
?इससे इन जातियों में शिक्षा का प्रसारहुआ और अनेक सामाजिक कुरीतियों के निवारण पर बल दिया गया
?डूंगरपुर में जन जागृति करने का श्रेय गुरु गोविंद गिरी के पश्चात भोगीलाल पांड्याको है
?1919 में भोगीलाल पांड्या ने आदिवासी छात्रावासकी स्थापना कर जन चेतना के लाने का प्रयास किया
?1929 में गौरी शंकर उपाध्याय ने सेवाश्रमस्थापित कर खादी प्रचार किया
?वैज्ञानिक क्रांति फैलाने के लिए हस्तलिखित सेवक समाचार पत्र प्रकाशित किया
?ठक्कर बापा की प्रेरणा से भोगीलाल पांड्या ने हरिजन सेवा संघकी स्थापना की थी
?1935 में ही शोभा लाल गुप्ता के नाम से आश्रमखोला गया था ?माणिक्य लाल वर्मा ने 1935 में डूंगरपुर में खांडलाई आश्रम स्थापित कर भीलो में शिक्षा का प्रसार किया था
?1935 में ही माणिक्य लाल वर्मा ,भोगीलाल पांड्या और गौरी शंकर उपाध्याय ने बागड़ सेवा मंदिर की स्थापना कर जन जागृति फैलाईथी
?1938 में भोगीलाल पंड्या ने डूंगरपुर सेवा संघकी स्थापना कर जनजातियों में जनचेतना जारी रखी 1942 में सेवा संघ मे भारत छोड़ो प्रस्ताव का समर्थन किया
?इससे सरकार और सेवा संघ के संबंध तनाव पूर्णहो गए
? 1944 को भोगीलाल पांडेय के प्रयत्नो से डूंगरपुर में प्रजामंडल की स्थापना हुई
?इसके संस्थापक अध्यक्ष श्री भोगीलाल पांडेय थे हरिदेव जोशी गौरी शंकर उपाध्याय और शिव लाल कोटडिया इसके संस्थापक सदस्यों में से थे
?अप्रैल 1946में डूंगरपुर में राज्य प्रजामंडल का पहला अधिवेशन भोगीलाल पांडेय के नेतृत्वमें हुआ
?जिससे अन्य कार्यकर्ताओं के अलावा पंडित हीरालाल शास्त्री ,मोहनलाल सुखाड़िया और जुगल किशोर चतुर्वेदीने भाग लिया
?इस अधिवेशन में उत्तरदायी सरकार की स्थापना ,डूंगरपुर के भारतीय संघ में शामिल होने आदि विषय पर प्रस्ताव स्वीकार किए गए
?जब सरकार ने कटारा के अकाल ग्रस्त क्षेत्रों में लेवी वसूल करना शुरू किया तो किसानों ने सत्याग्रह शुरू कर दिया
?श्री पांडेय और उनके साथियों को गिरफ्तारकर लिया गया
?अंत में दमनात्मक नीति त्यागकर श्री भोगीलाल पांडेय सहित कार्यकर्ताओं को जेल से छोड़ दिया गया
?यह प्रजामंडल की पहली विजय थी
?जब राज्य कर्मचारियों ने 30 मई 1947 को सेवा संघ द्वारा संचालित पूनावाडा की पाठशाला को बंद करने का प्रयास किया तो
?श्री पांडेय ने उनका विरोध किया
?इस कारण भोगीलाल पांड्या को बंदी बनालिया गया


??रास्ता पाल हत्याकांड?? 
?डूंगरपुर में 19 जून 1947 को पुलिस द्वारा रास्ता पाल नामक स्थान पर स्थित स्कूल बंदकरवाने गई
?मकान मालिक नाना भाई खांट को स्कूल बंद कर चाबी सौपनेके लिए कहा कि
? नाना भाई ने बिना सेवा समिति इजाजत की चाबी देने से इंकार कर दिया
?रास्ता पाल में यह विद्यालय डूंगरपुर सेवा संघ द्वारा संचालित था
?नाना भाई खांट की चाबी देने से इंकार कर देने पर पुलिस ने उन्हें इतना मारा कि उनका देहांत हो गया के
?अध्यापक श्री सेंगा भाई की भी पुलिस ने भयंकर पिटाई की थी उन्हें ट्रक से बांधकर घसीटा गया
?इसे देखकर एक 12 वर्षीय भील कन्या काली बाई ने अपनी दातली से ट्रक की रस्सी काटदी थी
?जिससे कुपित होकर पुलिस ने कालीबाई व अंय महिलाओं पर गोली चला दी
?इस गोलीबारी में काली बाई की मृत्यु हो गई और अनेक महिलाएं घायलहो गई थी
?इस स्थान पर काली बाई और नाना भाई खांट की मूर्तियां लगवाकर पार्कबनवाया गया
?जहां पर उनकी याद में प्रतिवर्ष मेलाभरता है
?अंत में महारावल ने समझौते की नीति अपनाई
?दिसंबर 1947 को महारावल डूंगरपुर ने राज्य प्रबंध कारिणी सभाकी स्थापना की
?जिसमें गौरी शंकर उपाध्याय और भीखा भाई भील को प्रजामंडल प्रतिनिधि के रुप में सम्मिलित किया गया इस प्रकार
?कुशलगढ़ में अप्रैल 1942 में भंवरलाल निगम द्वारा प्रजामंडल की स्थापनाकी गई थी



??डूंगरपुर प्रजामंडल से संबंधित तथ्य?? 


?श्री माणिक्य लाल वर्मा ने भीलों में प्रचलित मद्यपान दापा और सागडी प्रथा को समाप्त करने के संबंध में कानून बनवाया था 

?सन 1933 में राज गुरु महन्त रविदास जी के सहयोगसे श्री भोगीलाल पंड्या के नेतृत्व में हरिजनों ने डूंगरपुर में राजा जी की छतरी के समीप स्थित जगदीश मंदिर में प्रवेश किया था 

?राजगुरु के मठ में स्थित मंदिर में हरिजनों का प्रवेश राज्य के इतिहासमें एक असाधारण घटना थी 

?डूंगरपुर महारावल लक्ष्मण सिंह ने हरिजन उत्थान के इस कार्यको हर तरह से प्रोत्साहन दिया 

?श्री नाना भाई खांट व काली बाई का दाहसंस्कार गैब सागर के पास सुरपुर गांव में किया गया था 

?डूंगरपुर राज्य प्रजामंडल के प्रथम अधिवेशन का उद्घाटन श्री गोकुल भाई भट्ट ने किया था 

?डूंगरपुर सरकार राजस्थान की ऐसी पहली सरकारथी 

?जिसने शिक्षक व विद्यालय संचालन को दंडनीय अपराध मानकर कठोर पाशविक दमन की नीति अपनाई थी 

?डूंगरपुर महारावल द्वारा जंगली सूअरों का वध वर्जित कर रखा था 

?इस कारण डूंगरपुर के किसानों ने सावल निवासी देवराम के नेतृत्व में सरकार विरोधी आंदोलन छेड़ा 

? मार्च 1948 को गोरी शंकर को राज्य का प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिया गया 

?25 मार्च 1948 को महारावल में राजस्थान संघमें मिलना स्वीकार कर लिया 

?डूंगरपुर रियासती शासन की अन्याय पूर्ण नीतियों के विरोध ,जनता में जागृति उत्पन्नकरने के लिए डूंगरपुर प्रजामंडल ने प्रयाण सभाओं का आयोजनकिया था 

?बाबा लक्ष्मण दास व श्री शोभालाल गुप्त द्वारा सागवाड़ा में हरिजन आश्रमकी स्थापना की गई 

?कुशलगढ़ में 1948 को दाडम चंद के सहयोग से गांधी आश्रमकी स्थापना की गई थी

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