1. धार्मिक पर्यटन के केन्द्र बनेंगे प्राचीन मंदिर- मुख्यमंत्री प्रदेश के 180 प्राचीन मंदिरों का जीर्णोद्धार करवा कर इन्हें धार्मिक पर्यटन के महत्वपूर्ण स्थानों के रूप में विकसित किया जाएगा। ये मंदिर हमारी आस्था का केन्द्र होने के साथ-साथ हमें अपना इतिहास याद दिलाने और उससे जोड़े रखने का काम भी करेंगे। पाली ज़िले का सुगाली माता मंदिर भी जल्दी ही तैयार हो जाएगा। श्रीमती राजे पाली ज़िले के माण्डा गांव में सोमवार को श्री अलखजी महाराज मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा तथा नौ कुण्डीय यज्ञ महोत्सव को सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार 415 वर्ष पुराने मंदिर का पुनर्निर्माण यहाँ की 36 कौमों ने मिलकर करवाया है, वह गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की वन सम्पदा को बचाने और पर्यावरण के संरक्षण के लिए भी राज्य सरकार विशेष प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि प्राणवायु देकर हमें ज़िन्दा रखने वाले वृक्ष हमारे लिए देवी-देवता समान हैं। मंदिरों के आस-पास, तालाब एवं सड़कों के किनारे पौधे लगाने से बड़ा कोई दूसरा पुण्य नहीं हो सकता। मुख्यमंत्री ने कहा कि अलखजी महाराज मंदिर का ओरण पर्यावरण शुद्धता का अनुपम उदाहरण है। यहाँ स्थित कुण्ड के आस-पास वन क्षेत्र के विकास का पुण्य काम कर स्थानीय लोगों ने वातावरण बदलने का काम किया है।
2. मोबाइल एप से मिल सकेंगी ब्लड संबंधी जानकारियां अब मोबाइल एप के माध्यम से भी ब्लड सम्बन्धी जानकारियां मिल सकेंगी। रक्तदान करने वालों के लिए ऑनलाइन सर्टिफिकेट और जांच रिपोट्र्स ऑन स्पॉट मिलेंगी। स्वास्थ्य कल्याण ब्लड बैंक के 23वें स्थापना दिवस पर कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ. एसएस अग्रवाल ने यह जानकारी दी। इस दौरान स्वैच्छिक रक्तदान शिविर भी आयोजित किया गया, जिसमें 125 यूनिट रक्तदान हुआ। कार्यक्रम में मौजूद राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एस.पी. शर्मा ने कहा कि रक्तदान के प्रति जागरूकता लाने के लिए किए जा रहे प्रयास सराहनीय हैं। ब्लड बैंक के निदेशक आनन्द अग्रवाल ने कहा कि ब्लड बैंक को अब तक 1 लाख 74 हजार यूनिट रक्त स्वैच्छिक रक्तदान से प्राप्त हुआ है। 4 लाख 9 हजार 745 यूनिट रक्त यूनिट डोनेशन अथवा रिप्लेसमेंट के जरिए आया है।
3. अजमेर के जेएलएन अस्पताल में शुरू हुई डायलिसिस सुविधा शहरके जवाहर लाल नेहरू अस्पताल में शुरू हुई डायलिसिस सुविधा पर भले ही करीब 320 लाख रुपए का खर्चा आया हो, लेकिन इसमें जेएलएन अस्पताल प्रशासन का एक पैसाभी खर्च नहीं हुआ है, उल्टा भामाशाह पैकेज में निर्धारित दरों के विपरीत पीपीपी मोड पर कम दरें होने के कारण अस्पताल को हर माह आय होने लगी है। अगले साल बेरोजगार नौजवानों के लिए डायलिसिस टेक्निशयन की ट्रेनिंग देने के लिए प्रोग्राम भी शुरू किया जाएगा। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की बजट घोषणा के मुताबिक जेएलएन अस्पताल में पीपीपी मोड पर डायलिसिस की सुविधा प्रारंभ की गई थी। इनमें से दस बेड डायलिसिस पर करीब 160 लाख रुपए, टीवी, वेटिंग मशीन, कम्प्यूटर, प्रिंटर, सेफ, फर्नीचर समेत अन्य उपकरणों पर 90 लाख, इंटीरियर, फर्नीशिंग, पेंटिंग, प्लबिंग कनेक्टिविटी पर 70 लाख रुपए खर्च हुए थे, लेकिन अस्पताल प्रशासन पर इसका कोई भार नहीं आया। 27 फरवरी 2017 से डायलिसिस करवाने की दर 1500 रुपए थी लेकिन पीपीपी मोड के बाद डायलिसिस की वर्तमान दर 649 रुपए 60 पैसे है। अजमेर जेएलएन में डायलिसिस का काम पीपीपी मोड पर कोलकाता की संजीवनी फर्म को दिया गया है। भामाशाह पैकेज में डायलिसिस की दर 2 हजार रुपए निर्धारित हैं। पीपीपी मोड पर डायलिसिस की दर 649 रुपए 60 पैसे है। इसके हिसाब से जेएलएन को प्रति डायलिसिस पर 1350 रुपए 40 पैसे की बचत हो रही है। जेएलएन के आंकड़े बताते हैं कि पिछले माह डायलिसिस के 92 केस आए। इसके मुताबिक जेएलएन अस्पताल को अकेले भामाशाह में ही डायलिसिस से एक लाख 24 हजार 236 रुपए 80 पैसे की बचत हुई। इसके अलावा पहले अस्पताल प्रशासन को डायलिसिस के लिए 1500 रुपए प्रति मरीज के देने पड़ते थे लेकिन अब 649 रुपए 60 पैसे में ही डायलिसिस हो पा रहा है, प्रति मरीज 800 रुपए की बचत हो रही है। इससे करीब 6 लाख की बचत हो रही है।
4. 105 गॉंवों की तकदीर बदल जायेगी -अध्यक्ष, राजस्थान रिवर बेसिन अथॉरिटी राजस्थान रिवर बेसिन अथॉरिटी के अध्यक्ष श्रीराम वेदिरे ने शनिवार को धौलपुर ज़िले के थर्मल गेस्ट हाउस में बैठक लेकर 'मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान' के दूसरे चरण के कार्यों की समीक्षा की तथा आवश्यक दिशा निर्देश दिए। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने शुक्रवार को श्रीराम वेदिरे को फोन कर इन महिलाओं को वॉटर बजटिंग के बारे में प्रशिक्षण देने के निर्देश दिए थे। 39 ग्राम पंचायतों के इन 105 गॉंवों में हमेशा-हमेशा के लिए जल संकट समाप्त हो जायेगा। गुणवत्तापूर्ण कार्य नहीं होने पर सम्बन्धित अधिकारी की जेब से खर्चा वसूला जाएगा क्योंकि इस अभियान के कार्यों की थर्ड पार्टी ऑडिट करवा रहे हैं। उन्हाेंने वन विभाग के सभी 702 कार्यों को जल्द पूरा करने का निर्देश दिया। ज़िला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कानाराम ने बताया कि 2015 में से 500 काम पूरे हो गये हैं तथा शेष में से ज्यादातर कार्य 15 जून तक पूरे हो जायेंगे।
5. भादला बना देश का सबसे बड़ा सोलर पार्क 2255 मेगा वॉट बिजलि का उत्पादन 1000 से ज़्यादा तकनीशियन कार्यरत ग्रीन कॉरिडोर का निर्माण बढ़ती रोज़गार की संभावनाएं
06. आर्थिक रूप से पिछड़ों को आरक्षण देगी राजस्थान सरकार राजस्थान में आर्थिक रूप से पिछड़ों को आरक्षण देने की कवायद तेज हो गई है। इसके लिए राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने राज्य में अनारक्षित परिवारों के सामाजिक आर्थिक पिछड़ेपन का सर्वेक्षण शुरू कर दिया है। सर्वेक्षण के लिए 40 हजार परिवारों का रैंडम आधार पर चयन किया गया है। सर्वेक्षण के लिए चार माह का समय तय किया गया है। सर्वेक्षण की रिपोर्ट के आधार पर आरक्षण के मापदंड तय किए जाएंगे। राजस्थान में भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में आर्थिक पिछड़ों को आरक्षण देने की घोषणा की थी। पिछले वर्ष विधानसभा में आर्थिक रूप से पिछड़ों को 14 प्रतिशत आरक्षण देने का विधेयक पारित किया जा चुका है। हालांकि कानूनी दृष्टि से इसे लागू करना मुश्किल होगा, क्योंकि यह आरक्षण की 50 प्रतिशत की निर्धारित सीमा के अतिरिक्त होगा। इसके अलावा संविधान में भी आर्थिक आधार पर आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है। ऐसे में इसे न्यायालय में चुनौती मिलने की पूरी संभावना है।
7. आधार से लिंक होने के बाद देश में कहीं से भी ले सकेंगे राशन अजमेर. राजस्थान के मदनगंज-किशनगढ़ में केंद्र सरकार अब राशन कार्ड को भी आधार से लिंक करेगी। इसके बाद उपभोक्ता राज्य देश में कहीं से भी राशन ले सकेंगे। केंद्र ने हाल ही में सभी राज्यों के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्रियों और खाद्य सचिवों से चर्चा करने के बाद देशभर में राशन कार्डों को आधार कार्ड से लिंक करने की योजना तैयार करने के निर्देश दिए। इस योजना काे देशभर में एक साथ लागू किया जाएगा। इसका देश के अन्य राज्यों और जिलों में रहने वाले मजदूरों को सीधा फायदा मिलेगा। प्रथमचरण में आधारकार्ड राशनकार्ड होंगे लिंक योजनाके पहले चरण में देश के सभी डीएसओ कार्यालयों का डाटा आपस में लिंक किया जाएगा। इससे पहले राशन को हाईटेक करने के लिए पोस मशीन से राशन वितरण की व्यवस्था की गई है। इसके बाद सभी राशन कार्ड को आधार कार्ड से जोड़ने के बाद डीएसओ कार्यालयों को एक दूसरे से जोड़कर राशन प्रणाली को मजबूती प्रदान की जाएगी। एक क्लिक में दिखेगा उपभोक्ता का पूरा रिकॉर्ड देशभरके डीलरों को हाइटेक प्रणाली के माध्यम से सभी राशन डीलरों के डाटा को एक दूसरे से जोड़ा जाएगा। जिससे राशन कार्ड आधार कार्ड के नंबर के आधार पर किसी भी कोने में राशन लेने जाने पर उपभोक्ता को अपनी पहचान या अंगूठे का निशान मशीन पर लगाने के बाद पूरा ब्योरा स्क्रीन पर जाएगा। उसके भुगतान करने के बाद संबंधित डीलर द्वारा उसे राशन दी जाएगी।
8. सहयोग उपहार याेजना में अब बेटी के शादी पर अब दोगुनी मदद मिलेगी अजमेर. मदनगंज-किशनगढ़ के बीपीएल इसके समकक्ष श्रेणी के परिवारों में बेटियों के हाथ पीले करने पर अब दोगुनी सहायता राशि मिलेगी। सरकार ने सहयोग उपहार योजना में मिलने वाली राशि को डबल कर दिया है। यह लाभ 18 वर्ष के बाद की उम्र की बेटियों की शादी पर ही मिलेगा। यह राशि 1 अप्रैल के बाद होने वाले विवाहों पर मिलेगी। इस योजना का लाभ शहर के साढ़े 6 हजार बीपीएल परिवार, पांच हजार समकक्ष परिवार सहित अंत्योदय परिवार, विधवा महिलाओं तथा अनाथ बालिकाओं को मिलेगा। न्यूनतम 20 हजार रुपए की सहायता सामाजिक अधिकारिता विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 18 वर्ष से अधिक उम्र में पुत्री की शादी करने पर 10 हजार की बजाय अब 20 हजार रुपए मिलेंगे। वहीं 10 वीं 12वीं पास करने के बाद बेटियों की शादी करने पर 15 के स्थान पर अब 30 हजार रुपए मिलेंगे। इसके अलावा ग्रेजुएशन करने वाली बेटियों की शादी पर 20 हजार की बजाय 40 हजार रुपए मिलेंगे। इसयोजना का लाभ केवल राजस्थान के मूल निवासियों को ही मिलेगा। इसका लाभ केवल 18 वर्ष से अधिक उम्र की दो बेटियों की शादी तक ही मिलेगा। समस्त वर्ग के बीपीएल, अंत्योदय परिवार और आस्था कार्ड धारी परिवार लाभ ले सकेंगे। योजनाके लाभ के लिए बेटी के विवाह से एक माह पहले और उसके 15 दिन बाद तक आवेदन करें। ये आवेदन ऑनलाइन ई-मित्र सहित अन्य स्थानों से किए जा सकेंगे। इसका निस्तारण अधिकारी की ओर से 15 दिन में किया जाएगा। आवेदन के साथ विवाह पंजीयन प्रमाण पत्र अपलोड करना होगा। अन्य संबंधित प्रमाण पत्र भी संलग्न करने होंगे।
09. प्रदेश के सौ अस्पतालों को पीपीपी मोड पर मिलेंगी टेली मेडिसिन की सेवाएं बारां.राज्य सरकार की ओर से अस्पतालों में विशेषज्ञ के अभाव में अन्य अस्पतालों के लिए रैफर होने वाले मरीजों की परेशानी को देखते हुए प्रदेश के 100 अस्पतालों में टेली मेडिसिन की सेवाएं ली जाएंगी। राज्य सरकार की ओर से इसके लिए पीपीपी मोड पर निजी कंपनी से एमओयू किया गया है। एक माह के अंदर प्रदेश के सभी 100 अस्पतालों के साथ बारां समेत जिले के अटरू व केलवाड़ा सीएचसी पर भी इस सेवा की शुरुआत हो जाएगी। राज्य सरकार की ओर से इसके लिए प्रदेश में ग्लोबल हैल्थ केयर लिमिटेड कंपनी से एमआेयू किया गया है। कंपनी के प्रतिनिधियों की ओर से कुछ सामान अस्पतालों की ओर से उपलब्ध कराने की लिस्ट देेने के बाद स्थानीय स्तर पर एक कक्ष उपलब्ध कराने के साथ अन्य संसाधन उपलब्ध करा दिए गए हैं। एक सप्ताह के अंदर निजी कंपनी की ओर से जिला अस्पताल समेत अटरू व केलवाड़ा सीएचसी का निरीक्षण करने के बाद जिले में इस व्यवस्था काे शुरू कर दिया जाएगा। 56 प्रकार की जांचों की सुविधा जिले में टेली मेडिसिन की सुविधा शुरू होने के बाद जिला अस्पताल समेत अटरू व केलवाड़ा सीएचसी पर आने वाले गंभीर रोग से पीड़ित मरीजों को 56 प्रकार की निशुल्क जांचों की सुविधा कंपनी की ओर से मुहैया करवाई जाएगी। इसमें 19 प्रकार की पैथोलोजी व 20 प्रकार की बायोकेमेस्ट्री के साथ माइक्रो बायोलोजी की जांच निशुल्क मरीजों को उपलब्ध करवाई जाएगी। टेली मेडिसिन योजना के तहत मरीजों को बेहतर सुविधा देने के लिए कंपनी की ओर से जयपुर में कॉल सेंटर बनाया जाएगा। इसमें दो पैरा मेडिकल ऑफिसर व 4 काउंसलर का स्टाफ 24 घंटे अपनी सेवाएं देगा। टेली मेडिसिन योजना के तहत एमओयू होने के बाद कंपनी की ओर से जिला अस्पताल समेत अटरू व केलवाड़ा सीएचसी को निशुल्क उपकरण भी उपलब्ध कराए गए हैं। जिनके माध्यम से मरीजों की बेहतर ढंग से जांच हो पाएगी। इसमें फिटर हर्ट मॉनीटर, बीपी इंस्ट्रूमेंट, ऑक्सीजन मीटर, शूगर, ग्लूकोज टेम्प्रेचर मशीन, डिजिटल एक्सरे मशीन के साथ स्केनर भी उपलब्ध करवाया जा रहा है। जिसके माध्यम से मरीजों की बेहतर तरीके से जांच हो पाएगी।
10. कोटा में हुआ ग्राम का आगाज, वैंकया नायडू व मुख्यमंत्री ने किया उद्घाटन' ग्लोबल राजस्थान एग्रीटेक मीट (ग्राम) का आगाज हो गया। कार्यक्रम में केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री वैकया नायडू, राजस्थान की मुख्यमंत्री, सांसद ओम बिरला, सांसद दुष्यंत सिंह, कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी। राज्यमंत्री बाबूलाल वर्मा सहित कई जनप्रतिनधि भी मौजूद रहे। इनमें कई विदेशी मेहमान भी शामिल थे। कृषि मंत्री सैनी ने कहा, पहले राजस्थान में प्रतिवर्ष औसत आय 64 हजार से बढ़कर 88 हजार प्रति किसान आय हो गई है। 2022 तक किसान की आय दुगना करने का प्रयास होंगे। इसमें संभाग में कृषि क्षेत्र में हुए नवाचारों की जानकारी दी जा रही है। इस आयोजन से संयुक्त उपक्रमों एवं विपणन साझेदारियों की काफी संभावना है। इसका उद्देश्य किसानों का सशक्तिकरण, कृषि नवाचारों का प्रदर्शन, मार्केटिंग अनुबंध, संयुक्त उपक्रम, तकनीकी हस्तांतरण, अंतरराष्ट्रीय निवेश, व्यवसाय के अवसर, कृषि आधारित अनुसंधान को प्रोत्साहित करना और कृषि एवं संबंधित क्षेत्र को साझा मंच उपलब्ध करना है। ग्राम में बारां, बूंदी, झालावाड़ एवं कोटा की क्षमताएं प्रदर्शित की जा रही हैं। कृषि से जुड़े सभी सम्बद्ध पक्षों जैसे कोटा और आस-पास के किसान, शिक्षाविद, तकनीकी विशेषज्ञ, कृषि व्यवसाय से जुड़ी कम्पनियां इसमें भाग ले रही हैं। मिनी स्प्रिंक्लर, स्प्रिंक्लर इरीगेशन, ड्रिप इरीगेशन एवं सोलर पम्पों के उपयोग जैसी सिंचाई की विभिन्न तकनीकों का लाइव डेमोंस्ट्रेशन मुख्य आकर्षणों में शामिल है। यहां आने वाले विजिटर्स धनिया, मशरूम, जैतून, सिट्रस फ लों, ड्रेगन फू्रट जैसी फसलों के लाइव प्लांटेशन देखेने की रुचि दिखा रहे हैं। यहां ग्रीन हाउस के माध्यम से बेमौसम की खेती करने, शेड नेट हाउस के जरिए उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादन, मोबाइल मृदा परीक्षण वैन, जल संरक्षण, प्लास्टिक मल्चिंग के जरिए खरपतवार की रोकथाम, एसआरआई, गार्लिक प्रोसेसिंग मशीन, जैसी तकनीकें तथा ऊंट के दूध के प्रोडक्ट्स, सुगंधित तेल, मसालों के तेल, पर्ल कल्चर,फसल बीमा एवं सोयाबीन प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स भी प्रदर्शित किए जा रहे हैं।
11. जेएसजी जनक ओरेंज ने जीता जनक प्रीमियर लीग का खिताब जयपुर। एएसआईसी जेपीएल-2017 अंडर आर्म क्रिकेट लीग प्रतियोगिता का खिताब जेएसजी जनक ओरेंज ने जीता। जेएसजी जनक के अध्यक्ष नवीन जैन ने बताया कि आज फाइनल मैच जनक ब्लैक व जनक ओरेंज के बीच खेला गया। जनक ब्लैक ने निर्धारित 8 ओवर में 128 रन बनाए। जवाबी पारी में अविनाश के शानदार 70 रनों की बदौलत 2 विकेट खोकर 127 रन बनाकर एएसआईसी जेपीएल-2017 अण्डर आर्म क्रिकेट लीग प्रतियोगिता का खिताब जेएसजी जनक ओरेंज ने जीत लिया। अविनाश को प्लेयर्स ऑफ द टूर्नामेंट चुना गया। अविनाश ने इस प्रतियोगिता में 5 अद्र्ध शतक लगाए। प्रतियोगिता के स्पोन्सर डॉ. राजीव गुप्ता और रेज पॉवर इंफ्रा रहे।
12. जयपुर के बृज ने फतह किया एवरेस्ट जयपुर के बृज शर्मा ने पहले भारत के पहले सिविलियन होने का गौरव हासिल किया है, जिसने एवरेस्ट फतह की हो। दुनिया में तरह-तरह की रनर के लिए विख्यात इस धावक ने जिन कठिन परिस्थितियों में यह मुकाम हासिल किया है, वह बेहद नामुमकिन सा था।जयपुर में चौमूं के हाड़ोता गांव के बृज शर्मा ने इससे पहले 2015 में भी एवरेस्ट के लिए प्रयास किया था, लेकिन तब नेपाल में भूकंप आने से वहां की सरकार ने सभी चढ़ाई कैंसिल कर दी थी। इसके बावजूद बृज ने तय कर लिया था कि वे एवरेस्ट फतह करके रहेंगे चाहे कुछ भी हो। बृज ने ऐसा कर दिखाया 20 मई को। खास बात यह रही कि आज से 60 साल पहले यानी मई 1953 में व्यक्तिगत रूप से पहली बार एवरेस्ट फतह करने वाले शेरपा तेनजिंग नोर्गे ने जिस चढ़ाई के लिए जिस रूट का इस्तेमाल किया, वही रूट बृज शर्मा ने भी अपनाया।
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