भारत के वनस्पति सर्वेक्षण (बीएसआई) और ब्रिटेन के प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय (एनएचएम) ने आनुवंशिक और टैक्सोनोमिक अध्ययन, अनुसंधान और प्रशिक्षण, भारत में संरक्षण, प्रजातियों और निवास संरक्षण के मूल्यांकन के क्षेत्र में सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।
एमओयू के उद्देश्य विज्ञान में सहयोग के माध्यम खोलें, आगे अनुसंधान और भारत और ब्रिटेन दोनों के लाभ के लिए वैज्ञानिक अध्ययन को बढ़ावा देने का समर्थन करें। जैव विविधता, सीआईटीईएस और नागोया प्रोटोकॉल पर कन्वेंशन के लक्ष्यों का समर्थन करने के लिए दोनों देशों को वैज्ञानिक प्रमाणों का उपयोग करने की अपनी प्रतिबद्धता के साथ सहायता करें।
भारत के वनस्पति सर्वेक्षण (बीएसआई) पर्यावरण और वन मंत्रालय (एमओईएफसीसी) के तहत देश के जंगली पौधों के संसाधनों पर वर्गीकृत और फ्लोरिस्टिक अध्ययन करने के लिए सर्वोच्च अनुसंधान संगठन है। यह 1890 में स्थापित किया गया था ताकि देश के पौधों के संसाधनों का पता लगा सके और पौधों की प्रजातियों को आर्थिक गुणों की पहचान कर सके। इसमें देश के विभिन्न क्षेत्रों में नौ क्षेत्रीय सर्किल हैं।
04. चार राष्ट्रों के राजदूतों ने भारत के राष्ट्रपति को अपने परिचय पत्र पेश किए
बोलीविया, कोरिया गणराज्य, पराग्वे और कांगो गणराज्य के राजदूतों ने आज (20 फरवरी, 2018) राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में भारत के राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद को अपने परिचय पत्र पेश किए।
05. राष्ट्रीय शहरी आवास कोष के गठन को मंत्रिमंडल की मंजूरी
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 60,000 करोड़ रुपए के राष्ट्रीय शहरी आवास कोष (एनयूएचएफ) के गठन को मंजूरी दे दी है। यह कोष निर्माण सामग्री एवं प्रौद्योगिकी संवर्धन परिषद (बीएमटीपीसी) में होगा। बीएमपीटीसी आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय का एक स्वायत्ताशासी निकाय है, जो संस्था पंजीकरण अधिनियम 1860 के तहत पंजीकृत है।
मंत्रालय ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत अब तक 39.4 लाख मकानों के निर्माण की मंजूरी दी है। योजना के तहत करीब दो-तीन लाख मकान हर महीने मंजूर किए जा रहे हैं। अब तक 17 लाख से ज्यादा मकानों का निर्माण शुरू हो चुका है
योजना के तहत पिछले आठ महीनों में करीब 87 हजार आवास ऋण मंजूर किए जा चुके हैं और 40,000 आवेदन विचारार्थ हैं। देश की आजादी के 75 साल पूरे होने के मौके पर 2022 तक 1.2 करोड़ मकानों की कमी को पूरा करते हुए देश में सबके लिए आवास सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखा गया है।
06. रेलवे क्षेत्र में भारत-मोरक्को सहयोग समझौते
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और मोरक्को के नेशनल रेलवे कार्यालय के बीच सहयोग के समझौते को पूर्वव्यापी मंजूरी दे दी है। इसके अंतर्गत रेलवे के विभिन्न क्षेत्रों में दीर्घकालिक सहयोग और साझेदारी विकसित की जाएगी। सहयोग समझौते पर 14 दिसम्बर, 2017 को हस्ताक्षर किए गए थे।
सहयोग समझौते से निम्नलिखित क्षेत्रों में तकनीकी सहयोग संभव हो सकेगाः-
(क) प्रशिक्षण और कर्मचारियों का विकास
(ख)विशेषज्ञ मिशन, अनुभव और कर्मियों का आदान-प्रदान; और
(ग) विशेषज्ञों के आदान-प्रदान सहित आपसी तकनीकी सहायता
सहयोग के पहचाने गए क्षेत्रों में उच्च गति के गलियारों सहित, वर्तमान मार्गों की गति बढ़ाना, विश्व स्तर के स्टेशन विकसित करना, भारी वजन वाले सामान को ले जाना और रेलवे के बुनियादी ढांचे का आधुनीकीकरण आदि शामिल हैं। सहयोग की प्राप्ति रेलवे टेक्नोलॉजी और उसके प्रचालन के क्षेत्रों के विकास के बारे में सूचना के आदान-प्रदान, जानकारी साझा करने, तकनीकी दौरों, आपसी हित के क्षेत्रों में प्रशिक्षण और संगोष्ठियों तथा कार्याशालाओं के आयोजन से होगी।
07.भारतीय डाक द्वारा ऑनलाइन उपभोक्ता सर्वेक्षण की शुरूआत
भारतीय डाक द्वारा नागरिकों को विभिन्न सुविधाएं प्रदान करने के कारण इस संबंध में उनकी प्रतिक्रिया जानना आवश्यक है। सेवा में सुधार और उपभोक्ता संतुष्टि भारतीय डाक के लिए आवश्यक है।
भारतीय डाक ने वर्ष 1854 में अपनी शुरूआत से ही संचार क्षेत्र में देश के नागरिकों की मूलभूत आवश्यकता की पूर्ति की है। भारतीय डाक वर्षों से नागरिकों को विभिन्न सेवाएं प्रदान कर रहा है। इनमें घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय डाक सुविधाएं, देश और विदेशो में पैसे भेजने की सुविधाएं, छोटी बचत, डाक टिकट संग्रह, जीवन बीमा, खुदरा सेवाएं और बिल भुगतान आदि सम्मिलित हैं।
भारतीय डाक द्वारा एक ऑनलाइन उपभोक्ता सर्वेक्षण की शुरुआत की गई है, जहां कोई भी उपभोक्ता सेवाओं के संबंध में अपना प्रतिक्रिया और सुझाव प्रदान कर सकता है। 16 फरवरी, 2018 से प्रारंभ हुआ यह सर्वेक्षण तीन माह तक चलेगा और 15 मई, 2018 तक भारतीय डाक की वेबसाइट ( www.indiapost.gov.in ) पर उपलब्ध रहेगा।
08. संसद भवन में शिशु सदन सुविधा की शुरूआत शीघ्र
केन्द्रीय महिला और बाल विकास मंत्री श्रीमती मेनका संजय गांधी ने 29 मार्च, 2017 को लिखे एक पत्र में लोकसभा अध्यक्ष को संसद भवन में शिशु सदन की कमी के संबंध में सूचित किया था।
मातृत्व लाभ (संशोधन) अधिनियम, 2017 के अंतर्गत स्वस्थ कार्यक्षेत्र, विविधता को बनाए रखने और शिशु सदन सुविधा की प्रत्यक्ष स्थापना संबंधी प्रावधान किए गए हैं। केंद्र सरकार द्वारा इस महत्वपूर्ण कदम से दूरगामी परिणाम होंगे और इससे निजी संस्थानो,केंद्र और राज्य सरकारो के संगठनो को महिलाओ के लिए शिशु सदन स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकेगा।
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