प्रश्न 1:- हर वित्तीय वर्ष के लिए आयोग का ब्यौरा संसद में पेश करना सरकार का कर्तव्य है यह किस धारा में है ? A 110 B 111 C 112✔ D 113
प्रश्न2 :- राजस्व घाटा ( Revenue loss) होता है ? A राजस्व आय - राजस्व प्राप्ति B राजस्व व्यय - राजस्व प्राप्ति✔ C राजस्व व्यय - राजस्व ऋण D राजस्व आय - राजस्व ऋण
Qu3:- सरकार की वे सभी प्राप्तियाँ जो दायित्वों का सृजन या वित्तीय परिसंपत्तियों ( Financial assets) को कम करती हैं,वे कहलाती हैं? A. सार्वजनिक देय B. राजस्व प्राप्तियाँ C. पूँजीगत प्राप्तियाँ✔ D. सभी
Qu4:- निम्नलिखित में से कौन-से प्रत्यक्ष कर ( Direct tax) के उदाहरण नही हैं ? A. व्यक्तिगत आय कर ( Personal income tax) B. निगम कर (Corporation tax) C. उत्पाद शुल्क ( Excise duty)✔ D. सभी
Qu5:- निम्नलिखित में से कौन-सा कथन असत्य है? A. सीमा शुल्क एक अप्रत्यक्ष कर है। B. सरकार के राजस्व प्राप्ति में प्रत्यक्ष कर का योगदान अप्रत्यक्ष कर से ज़्यादा है। C. संपत्ति कर व उपहार कर को ‘कागजी कर’ भी कहते हैं। D. उपरोक्त में से कोई नहीं।✔
Qu6:- प्रत्यक्ष करों के माध्यम से सरकार को लगभग _राजस्व, जबकि अप्रत्यक्ष करों के माध्यम से ___ राजस्व की प्राप्ति होती है? A. 55% ,45%✔ B. 45% ,55% C. 35%,65% D. 95%,5%
Qu7:- संघ के बजट के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-से गैर-योजना व्यय के अधीन आता है ? A. रक्षा व्यय B. ब्याज अदायगी C. वेतन एवं पें शन D. सभी✔
Qu8:- केंद्रीय बजट ( Central budget) में राजस्व व्यय की सबसे बड़ी मद होती है- A. रक्षा व्यय B. मुख्य उपदान C. ब्याज की अदायगी✔ D. राज्यों को अनुदान
Qu9:- सरकार के द्वारा किये जाने वाले किस व्यय के परिणामस्वरूप भौतिक या वित्तीय परिसंपत्तियों का सृजन अथवा वित्तीय दायित्व में कमी आती है ? A. राजस्व व्यय( Revenue expenditure) B. पूंजीगत व्यय(Capital expenditures)✔ C. योजना व्यय( Plan expenditure) D. पूंजीगत एवं राजस्व दोनों।
Qu10:- सरकारी बजट में राजस्व घाटा उच्च होने के कारण- A.सरकारी ऋण और ब्याज दायित्वों में वृद्धि होगी। B.सरकार पूंजीगत व्यय अथवा लोक कल्याण संबंधी व्यय में कटौती कर सकती है। C.अर्थव्यवस्था के विकास की दर धीमी होगी। D.सभी✔
Qu11:- संघीय बजट में राजकोषीय घाटे का तात्पर्य है- A. कुल व्यय और ऋण-ग्रहण को छोड़कर कुल प्राप्तियों का अंतर।✔ B. राजस्व व्यय में से ब्याज अदायगी को घटाने के बाद प्राप्त अंतर। C. चालू व्यय और चालू राजस्व में अंतर। D. भारत सरकार को कुल प्राप्तियों की तुलना में कुल व्यय की अधिकता।
Qu12:- भारत सरकार के बजट के कुल घाटे में सबसे अधिक योगदान है: A. राजस्व घाटा B. आय-व्यय घाटा C. राजकोषीय घाटा ✔ D. प्राथमिक घाटा
Qu13:- यदि राजकोषीय घाटे में से ब्याज अदायगी को घटा दिया जाए तो प्राप्त होगा- A. सकल राजकोषीय घाटा B. प्रभावी राजस्व घाटा C. प्राथमिक घाटा✔ D. राजस्व घाटा
प्रश्न-14 भारत सरकार द्वारा प्रत्येक वर्ष में प्रस्तुत किये जाने वाले ‘बजट’ का प्रावधान किस अनुच्छेद में है ? A) अनुच्छेद 108 B) अनुच्छेद 112✔ C) अनुच्छेद 122 D) अनुच्छेद 212
व्याख्या: भारत सरकार की अनुमानित प्राप्तियों और व्ययों का विवरण संसद के समक्ष प्रस्तुत करना अनुच्छेद 112 के तहत एक संवैधानिक अनिवार्यता है। बजट को “डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमी अफेयर” द्वारा तैयार किया जाता है।
प्रश्न-15 निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:
1. सरकार की वे प्राप्तियाँ जिनके लिये सार्वजनिक संपत्तियों को कम करना पड़ता है, राजस्व प्राप्तियाँ कहलाती हैं। 2. सरकार की वे सभी प्राप्तियाँ जिसमें न तो दायित्वों (Liabilties) का सृजन होता है और न हि वित्तीय परिसंपत्तियाँ कम होती हैं, पूँजीगत प्राप्तियाँ कहलाती हैं। उपरोक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं? A) केवल 1 B) केवल 2 C) 1 और 2 दोनों D) न तो 1 और न ही 2✔
व्याख्या: उपरोक्त दोनों कथन असत्य हैं। भारत सरकार की ऐसी प्राप्तियाँ जो न तो सार्वजनिक देयताओं (Liabilities) को बढ़ाती हैं और न ही सार्वजनिक संपत्तियों (Assets) को कम करती हैं, राजस्व प्राप्तियाँ (Revenue Receipts) कहलाती हैं। सरकार की वे सभी प्राप्तियाँ जो दायित्वों का सृजन या वित्तीय परिसंपत्तियों को कम करती हैं, पूँजीगत प्राप्तियाँ (Capital Revenue) कहलाती हैं।
प्रश्न-16 पूंजीगत प्राप्तियों के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:
1. इन प्राप्तियों के अंतर्गत सरकार की वित्तीय परिसंपत्तियाँ कम हो जाती हैं। 2. पूंजीगत प्राप्तियों की मुख्य मदें सार्वजनिक कर्ज़ हैं। उपरोक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं? A) केवल 1 B) केवल 2 C) 1 और 2 दोनों✔ D) न तो 1 और न ही 2
व्याख्या: उपरोक्त दोनों कथन सत्य हैं। सरकार की वे सभी प्राप्तियाँ जो दायित्वों का सृजन या वित्तीय परिसंपत्तियों को कम करती हैं, पूंजीगत प्राप्तियाँ कहलाती हैं। पूँजीगत प्राप्तियों की मुख्य मदें सार्वजनिक कर्ज़ हैं जिसे सरकार द्वारा जनता से लिया जाता है, इसे बाज़ार ऋण-ग्रहण भी कहते हैं।
प्रश्न-17 केंद्रीय बजट में निम्नलिखित में से कौन-सी मदें पूँजीगत प्राप्तियों के अंतर्गत आती हैं ?
1. अंतर्राष्ट्रीय संगठनों से प्राप्त कर्ज़। 2. सावर्जनिक उपक्रम के शेयरों की बिक्री से प्राप्त धन। 3. वस्तुओं एवं सेवाओं के निर्यात से प्राप्त धन। 4. तंबाकू और पेट्रोलियम पदार्थों पर उच्च कर लगाकर प्राप्त धनराशि। नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: A) केवल 1 और 2✔ B) केवल 1, 2 और 3 C) केवल 3 और 4 D) केवल 1, 3 और 4
व्याख्या: पूंजीगत प्राप्तियों में ट्रेजरी बिल की बिक्री के द्वारा रिज़र्व बैंक और व्यावसायिक बैंकों तथा अन्य वित्तीय संस्थाओं से सरकार द्वारा ऋण ग्रहण, विदेशी सरकारों तथा अंतर्राष्ट्रीय संगठनों से प्राप्त कर्ज़ और केंद्र सरकार द्वारा प्रदत्त ऋणों की वसूली आदि शामिल हैं। अन्य मदों में लघु बचतें (डाकघर बचत खाता, राष्ट्रीय बचत प्रमाण-पत्र इत्यादि), भविष्य निधि और सार्वजनिक उपक्रम (पी.एस-ण्यू.) के शेयरों की बिक्री से प्राप्त निवल प्राप्तियाँ हैं। इसे सार्वजनिक क्षेत्रक उपक्रम का विनिवेश कहा जाता है।
प्रश्न-18 केंद्र सरकार को प्राप्त होने वाली गैर-कर राजस्व में कौन-सी प्रमुख मदें शामिल की जाती हैं ?
1. केंद्र सरकार द्वारा जारी ऋण से ब्याज। 2. सरकार के निवेश से प्राप्त लाभांश। 3. अंतर्राष्ट्रीय संगठनों द्वारा प्रदान किये जाने वाले नगद सहायता अनुदान। कूट: A) केवल 1 और 2 B) केवल 2 और 3 C) केवल 1 और 3 D) 1, 2 और 3✔
व्याख्या: केन्द्र सरकार के गैर-कर राजस्व में मुख्य रूप से, केंद्र सरकार द्वारा जारी ऋण से ब्याज प्राप्तियाँ, सरकार के निवेश से प्राप्त लाभांश और लाभ तथा सरकार द्वारा प्रदान की गई सेवाओं से प्राप्त शुल्क और अन्य प्राप्तियाँ शामिल हैं। इसके अंतर्गत विदेशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों द्वारा प्रदान किये जाने वाले नगद सहायता अनुदान भी शामिल किये जाते हैं।
प्रश्न-19 केंद्र सरकार द्वारा किया जाने वाला ब्याज भुगतान किसके अंतर्गत आता है ? A) पूंजीगत व्यय B) योजना व्यय C) राजस्व व्यय✔ D) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
व्याख्या: राजस्व व्यय (Revenue Expenditure) केंद्र सरकार का भौतिक या वित्तीय परिसंपत्तियों के सृजन के अतिरिक्त अन्य उद्देश्यों के लिये किया गया व्यय है। राजस्व व्यय के अंतर्गत सरकारी विभागों के सामान्य कार्यों तथा विधिक सेवाओं, सरकार द्वारा उपागत ऋण ब्याज अदायगी, प्रतिरक्षा सेवाएँ, उपदान (subsidy), वेतन और पेंशन आते हैं।
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