प्राचीन काल से ही व्यापार अर्थव्यवस्था का आधार रहा है व्यापार का सबसे सशक्त और सुगम मार्ग समुद्री मार्ग दुनिया का अधिकतम व्यापार समुद्री रास्ते से ही होता है भारत में देश के व्यापार का लगभग 95 फ़ीसदी और मूल्य की दृष्टि से लगभग लगभग 68% व्यापार समुद्री मार्ग से होता है समुद्री व्यापार में बंदरगाह और जहाजों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है !
बंदर काहर समुद्र का रहस्य तो होता है जहां जहाजों को आश्रय दिया जाता है इन बंदरगाहों को प्राकृतिक और कृत्रिम श्रेणी में बांटा गया है !
भारत की लगभग 7517 किलोमीटर लंबी तटरेखा 12 बड़े और लगभग 200 छोटे बंदरगाह है इनमें मुंबई मर्मुगाओ कोच्चि विशाखा पटनम और पारादीप बंदरगाह प्राकृतिक संरचना के बंदरगाह हैं !
इन बड़े बंदरगाहों मे से कोलकाता,पारादीप, विशाखापट्टनम,कामराज,बी.ओ.चिदंबरनर और चेन्नई बंदरगाह पूर्वी तट तथा कोच्चि,न्यू मंगलोर मर्मुगाओ, मुंबई, जवाहरलाल नेहरू और दीनदयाल बंदरगाह पश्चिमी तट पर स्थित है !
कोलकाता बंदरगाह ( Port of Kolkata )
कोलकाता बंदरगाह देश का सबसे प्रमुख बंदरगाह है यह मुगल बादशाह औरंगजेब द्वारा ब्रिटिश उपनिवेशको पूर्वी भारत में व्यापार करने का अधिकार दिए जाने के समय से ही भारत का प्रमुख बंदरगाह रहा है !
यह समुद्र से 126 मील दूर स्थित है इसे पूर्व भारत का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है बंदरगाह में हुगली नदी के पूर्वी तट पर कोलकाता डाक प्रणाली तथा पश्चिमी तट पर हल्दिया डॉक परिसर स्थित है !
यह बंदर का भारत का एकमात्र प्रमुख नदी बंदरगाह है इसका नेवीगेशन चैनल दुनिया के सबसे लंबे चैनलों में से एक है 1870 में बंदरगाह आयोग की नियुक्ति के साथ है सरकार के प्रशासनिक नियंत्रण में आया था !
चेन्नई बंदरगाह ( Chennai harbor )
चेन्नई बंदर का भारत के प्रमुख बंदरगाहों में तीसरा सबसे पुराना बंदरगाह है यह पूर्वी तट पर स्थित है ! यह एक कृतिम बंदरगाह है 1881 मैं इसका परिचालन शुरू किया गया लेकिन इसके बनने से पहले ही चेन्नई के समुद्र तट से 1639 मैं ही व्यापार शुरू हो गया था
आजादी के बाद इसके विकास को गति मिली और 1972 में पेट्रोलियम के रखरखाव के लिए भारतीय डाक नाम से एक डॉकयार्ड विकसित किया गया वर्ष 1974 में इस बंदरगाह पर एक लोहा अयस्क टर्मिनल बनाया गया जो मशीनी कृत हैंडलिंग से सुविधा युक्त है भारत द्वारा किए जाने वाले लौह अयस्क के निर्यात का 12% निर्यात चेन्नई बंदरगाह से होता है !
यह बंदरगाह दुनिया के फिर से 100 कंटेनर बंदरगाहों मैं शामिल है इसमें 24 घाट है चीन की कुल क्षमता 93.44 मिलियन टन प्रतिवर्ष है
पारादीप बंदरगाह ( Paradip harbor )
3 जनवरी 1962 महानदी तथा बंगाल की खाड़ी के संगम स्थल के निकट तत्कालीन प्रधानमंत्री द्वारा इस बंदरगाह की आधारशिला रखी गई थी उड़ीसा के तत्कालीन मुख्यमंत्री बीजू पटनायक इस बंदरगाह के प्रतिष्ठाता है यह उड़ीसा राज्य में कोलकाता के दक्षिण में 210 नॉटिकल मील और विशाखापट्टनम के उत्तर में 260 नॉटिकल मील पर स्थित है
1 जून 1965 को भारत सरकार ने ओडीशा सरकार से इसके प्रबंधन अपने हाथों में ले लिया था भारत सरकार द्वारा 18 अप्रैल 1966 को इसे देश का आठवां प्रमुख बंदरगाह घोषित किया गया यह स्वतंत्र भारत में गठित पूर्वी तट का पहला प्रमुख बंदरगाह है इसमें विभिन्न प्रकार के कार्गों के लिए 16 घाट है
कोच्चि बंदरगाह ( Kochi port )
कोच्चि में स्थित आधुनिक बंदरगाह का विकास सर रॉबर्ट ब्रिस्टो के प्रयास से वर्ष 1920 से 1940 के दौरान किया गया था यह विलिंगटन द्वीप में भारत के दक्षिणी तट पर स्थित है यह मुंबई से 930 किलोमीटर दक्षिण और कन्याकुमारी से 920 किलोमीटर उत्तर में स्थित है
1936 में इसे प्रमुख बंदरगाह का दर्जा दिया गया था दक्षिण पश्चिमी तट पर अपने सामरिक महत्व के साथ साथ में पूर्व पश्चिम समुद्री व्यापार के चौराहे पर स्थित है यूरोप,पूर्व और ऑस्ट्रेलिया के बीच अंतरराष्ट्रीय समुद्री मार्ग की निकटता के कारण यह बड़ी संख्या में व्यापार के प्रमुख अवसर देता है इसमें 19 घाट और एक सिंगल मूरिंग है
मुंबई बंदरगाह ( Ports of mumbai )
मुंबई बंदरगाह कोलकाता के बाद देश का सबसे पुराना प्रमुख बंदरगाह है वर्ष 1668 में राजकीय अधिकार पत्र द्वारा यह पोर्ट ईस्ट इंडिया कंपनी को हस्तांतरित कर दिया गया था
1869 में स्वेज नहर के खुलने से मुंबई के समुद्री व्यापार में क्रांतिकारी परिवर्तन हुए और मुंबई पोर्ट भारत का प्रमुख प्रवेश द्वार बन गया वर्ष 1873 में बंदरगाह के प्रशासनिक कार्यकल्पों के लिए स्वयात्तशायी मुंबई पोर्ट ट्रस्ट बनाया गया
फर्श 1904 1914 में निर्मित सबसे आधुनिक डॉक में से एक अलेक्जेंडर डॉक का नाम 1972 में इंदिरा डॉक रखा गया 1997 में मुंबई पोर्ट एवं जवाहरलाल नेहरू पोर्ट क्षेत्र में रडार आधारित कंप्यूटरीकृत जहाज यातायात प्रबंधन प्रणाली की शुरुआत की गई इस बंदरगाह में 33 घाट है एवं इसने दिसंबर 2016 तक कुल 47.66 मिलीयन यातायात का परिचालन किया
जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह ( Jawaharlal Nehru Port )
यह बंदरगाह नवी मुंबई में स्थित है इससे पहले इसे नहावा शेवा बंदरगाह कहा जाता था इसका निर्माण 1980 के दौरान किया गया था 26 मई 1989 में चालू किया गया इसे विश्वस्तरीय अंतर्राष्ट्रीय कंटेनर बाले बंदरगाह का दर्जा प्राप्त है और यह भारत का शीर्षतम कंटेनर और अत्याधुनिक बंदर का है
यह देश के सभी प्रमुख बंदरगाहों द्वारा संचालित कुल कंटेनरो का लगभग 56% कंटेनर कार्गो अकेला ही संचालित करता है इस बंदरगाह में 12 घाट है इसने वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान 64 मिलियन टन कार्गो का संचालन किया है !
मर्मुगाओ बंदरगाह ( Mormugao Harbor )
मर्मुगाओ बंदरगाह गोवा में स्थित है यह वर्ष 1885 सें देश की सेवा में कार्यरत हैं ! पोर्ट में शुरुआती समय मैं सिर्फ तीन ही घाट थे लेकिन वर्ष 1922 में इसमें 2 घाट और निर्मित किए गए वर्तमान में इस में 7 से ज्यादा घाट है !
गोवा में खनिज उद्योग के विकास के कारण पुर्तगालियों इस पोर्ट को लोहा अयस्क टर्मिनल के रूप में विकसित किया जब जापान में पुनर्निर्माण हो रहा था तो गोवा के लौह अयस्क ने जापानी औद्योगिक क्रांति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और वर्ष 1948 से लुह एस के यातायात में वृद्धि हुई
वर्तमान में सपोर्ट से निर्यात होने वाला कुल लोह अयस्क पूरे भारत से निर्यात होने वाले कुल लोहा अयस्क का 39% है 19 दिसंबर 1961 को गोवा आजाद हुआ और 1964 में स्पोर्ट को देश का प्रमुख बंदरगाह घोषित किया गया यह ब्रेक वाटर और मोल से घिरा हुआ प्राकृतिक बंदरगाह है इसमें 11 घाट है
दीनदयाल बंदरगाह ( Deendayal port )
गुजरात में स्थित दीनदयाल बंदरगाह का पूर्व नाम कांडला बंदरगाह है इसकी स्थापना 1950 में केंद्र सरकार की परियोजना के रूप में की गई थी यह गुजरात के कच्छ जिले में गांधीधाम शहर के निकट स्थित है विभाजन के बाद कराची पोर्ट के पाकिस्तान में चले जाने से स्पोर्ट की स्थापना भारत को सेवा प्रदान करने के लिए प्रमुख बंदरगाह के रूप में की गई थी
यह कार को नियंत्रण करने की दृष्टि से भारत का सबसे बड़ा पोर्ट है यह पोर्ट 2007-08 में भारत का सिस्टम पोर्ट बन गया था तब से लगातार यह पहले स्थान पर बना हुआ इस पोर्ट ने 31 मार्च 2016 को 1 वर्ष में 100 (मिलियन टन प्रतिवर्ष) कार्गो का नियंत्रण करके इतिहास रच दिया है इस उपलब्धि को प्राप्त करने वाला दीनदयाल बंदरगाह भारत का पहला बंदर कहा है
बी.ओ. चिदंबरनार बंदरगाह ( V.O. Chidambaranar port )
बी.ओ. चिदंबरनार बंदरगाह तमिलनाडु में स्थित है इस का पुराना नाम तूतीकोरिन बंदर कहा था 2011 में इसका नाम बदलकर महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बी.ओ. चिदंबरनार के नाम पर रखा गया यह सामरिक दृष्टि से भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण रिपोर्ट है !
दक्षिण पूर्व तट पर पूर्व पश्चिम अंतर्राष्ट्रीय समुद्री मार्ग के निकट मन्नार की खाड़ी में स्थित है इसके दक्षिण पूर्व में श्रीलंका एवं पश्चिम में भारत का विशाल भूभाग है 11 जुलाई 1974 को इसे भारत का प्रमुख बंदरगाह घोषित किया गया था इस बंदरगाह ने इस वर्ष 59.26 मिलियन टन प्रतिवर्ष क्षमता से संचालन किया है इस बंदरगाह में कुल 15 घाट है
विशाखापट्टनम बंदरगाह ( Visakhapatnam Harbor )
विशाखापट्टनम प्राचीन समय से बंदरगाह शहर रहा है इसके मध्य पूर्व और रोम से व्यापारिक संबंध थे इसे 1933 में वाणिज्यिक नो वाहन के लिए खोला गया था यह देश का सबसे गहरा बंदरगाह है यह एकमात्र भारतीय बंदरगाह है जिसे 3 अंतर्राष्ट्रीय प्रमाणन ISO 14001:2004, ISO 18001:2007 और ISO 9001:2008 प्राप्त है
इस में लौह अयस्क कच्चा माल तरल अमोनिया फास्फोरिक एसिड आदि के लिए यांत्रिक हैंडलिंग है इसमें लगभग 110.75 मिलियन टन प्रतिवर्ष क्षमता के साथ 24 घाट है
कामराज बंदरगाह लिमिटेड ( Kamraj Port Limited )
यह बंदरगाह देश का एकमात्र कॉरपोरेट बंदरगाह है इसका निर्माण पब्लिक प्राइवेट ओरियंटेशन के तहत किया गया है यह भारत सरकार के जहाजरानी बंदरगाह करता है यह एन्नोर, चेन्नई में स्थित है
इसकी स्थापना 2001 में मुख्य रूप से कोयला बंदरगाह के रूप में तमिलनाडु विद्युत बोर्ड की थर्मल कोल आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए की गई थी व्हिस्की 57 एमटीपी की कुल क्षमता के साथ 8 घाट है
न्यू मंगलौर बंदरगाह ( New Mangalore Harbor )
न्यू मंगलौर बंदरगाह कर्नाटक में स्थित है इसे कर्नाटक का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है मंगलौर बंदरगाह परियोजना 1962 में प्रारंभ की गई थी और मई 1974 में पूरी हुई
4 मई 1974 को इसे देश का नौवां प्रमुख बंदरगाह घोषित किया गया और 11 जनवरी 1975 को औपचारिक रूप से इसका उद्घाटन किया गया इसमें 16 घाट और एक सिंगल प्वाइंट मूरिंग है
अन्य महत्वपूर्ण जानकारी
देश में व्यापारिक जलयान,पोत डिजाइन,पोत निर्माण, सप्लाई चैन प्रबंधन और हाइड्रोग्राफी में शिक्षा एवं शोध में उत्कृष्टता हासिल करने के लिए भारतीय समुद्री विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है
इसकी स्थापना चेन्नई में केंद्रीय विश्वविद्यालय के रूप में सन 2008 में की गई थी विश्वविद्यालय थे केंपस चेन्नई के अलावा कोलकाता और विशाखापट्टनम में भी स्थित है
विश्व विद्यालय का उद्देश्य समुद्री विज्ञान, समुद्री इतिहास, समुद्री कानून, समुद्री सुरक्षा खोज और बचाव परिवहन पर्यावरण अध्ययन, समुद्री विज्ञान से संबंधित अन्य क्षेत्रों के अध्ययन एवं प्रशिक्षण अनुसंधान और विस्तार कार्य को सुविधाजनक बनाना और उन्हें बढ़ावा देना है
Specially thanks to Post and Quiz makers ( With Regards )
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