उत्तर- सीटीबीटी व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि है। यह संधि 24 सितंबर 1996 को अस्तित्व में आई।
प्रश्न 2- प्रथम विश्व युद्ध में सम्मिलित धुरी राष्ट्रों के नाम लिखिए
उत्तर- प्रथम विश्व युद्ध में सम्मिलित धुरी राष्ट्र-जर्मनी ऑस्ट्रिया हंगरी बुल्गारिया और तुर्की।
प्रश्न 3- प्रथम विश्व युद्ध का तात्कालिक कारण क्या था?
उत्तर- प्रथम विश्व युद्ध का तात्कालिक कारण ऑस्ट्रिया द्वारा सर्बिया पर आक्रमण करना था सर्बिया के कुछ उग्रवादियों ने 1914 में ऑस्ट्रिया के युवराज फर्डिनेण्ड और उनकी पत्नी की गोली मारकर हत्या कर दी।
प्रश्न 4- पूँजीवाद और साम्यवाद में मूलभूत अन्तर क्या है? तर्क सहित बताइये।
उत्तर- वह आर्थिक पद्धति जिसमें उत्पादन के साधनों पर व्यक्तिगत नियंत्रण होता है। इसमें निजी लाभ के उद्देश्य से प्रतिस्पर्धा के आधार पर साधनों का प्रयोग किया जाता है। साम्यवाद वह आर्थिक प्रणाली है,जिसमें उत्पादन और वितरण के साधनों पर समाज (सरकार के माध्यम से) का आधिपत्य होता है। और सबके लिए समान अवसर उपलब्ध करवाए जाते हैं।
प्रश्न 5- "यह शांति संधि नहीं यह तो 20 वर्ष के लिए युद्ध विराम है।" मार्शल फौज का यह कथन कहां तक सत्य सिद्ध हुआ।(निबन्धात्मक)
अथवा
वह कौन सी परिस्थितियां थी जिन्होंने द्वितीय महायुद्ध को जन्म दिया?
उत्तर- 1919 में प्रथम विश्व युद्ध की समाप्ति पर हुई वर्साय की संधि के संबंध में मार्शल फौज ने यह कहा था कि "यह शांति संधि नहीं यह तो 20 वर्ष के लिए युद्ध विराम संधि है।" उनकी यह भविष्यवाणी सत्य सिद्ध हुई। प्रथम महायुद्ध की समाप्ति के ठीक 20 वर्ष बाद 1939 में द्वितीय महायुद्ध आरंभ हुआ। वर्साय में हुई संधि सेजर्मनी इटली आदि देश संतुष्ट नहीं थे क्योंकि-
1. इस संधि के अनुसार जर्मनी को अपने सारे उपनिवेश,15 प्रतिशत कृषि योग्य भूमि,12 प्रतिशत पशु,10 प्रतिशत कारखाने, प्रदेश का आठवां भाग,कोयले और सीसा के क्षेत्र खोने पड़ें।
2. इस संधि में मित्र राष्ट्रों ने इटली को जो क्षेत्र देने का वचन दिया था वह उसे मित्र राष्ट्रों के विश्वासघात के कारण नहीं मिले।
3. इटली और जर्मनी के तानाशाहों ने वर्साय की संधियों को रद्द कर दिया और निशस्त्रीकरण सम्मेलन में जाकर स्पष्ट कर दिया कि सभी राष्ट्रों को समानता दी जानी चाहिए।
4. राष्ट्र संघ भी अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के प्रयासों में असफल रहा।
5. यूरोप के सभी छोटे-बड़े साम्राज्यवादी राष्ट्र जैसे इंग्लैंड इटली जर्मनी रूस पोलैंड आदि अंतरराष्ट्रीय न्याय तथा संधि की शर्तों के विपरीत शस्त्रीकरण की विनाशकारी होड़ में लग गए।
इन सभी परिस्थितियों का परिणाम द्वितीय विश्व युद्ध था प्रथम विश्व युद्ध तुलनात्मक रूप से सीमित था किंतु द्वितीय विश्व युद्ध ने संपूर्ण विश्व को अपने घातक परिणामों से प्रभावित किया। द्वितीय विश्व युद्ध की भंयकरता ने राजनीतिज्ञों और वैज्ञानिकों के हृदय में यह आशंका पैदा कर दी। कि यदि तृतीय विश्व युद्ध हुआ तो संपूर्ण मानव सभ्यता ही नष्ट हो जाएगी।
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