प्रश्न=1. लगभग 1500 वर्ष पूर्व बने महरौली के लौह स्तंभ में आज तक जंग नहीं लगी है। यह अद्भुत लौह स्तंभ निम्नलिखित में से कहाँ स्थित है ?
(अ) मध्य प्रदेश (ब) बिहार (स) दिल्ली (द) आंध्र प्रदेश
(स)✔ व्याख्याः महरौली का लौह स्तंभ दिल्ली में कुतुब मीनार के परिसर में खड़ा है। इसकी ऊँचाई 7.2 मीटर और वजन 3 टन से भी ज़्यादा है। इस पर खुदे अभिलेख से इसके बनने के समय की जानकारी मिलती है। इसमें ‘चंद्र’ नामक एक शासक का ज़िक्र है जो सम्भवतः गुप्त वंश के थे।
प्रश्न=2. स्तूपों के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही नहीं है ?
(अ) स्तूप का शाब्दिक अर्थ ‘टीला’ होता है।
(ब) स्तूपों में सजावट के लिये रखा जाने वाला गोल धातु का डिब्बा ‘धातु-मंजूषा’ कहलाता है।
(स) स्तूपों के चारों ओर परिक्रमा हेतु बना वृत्ताकार पथ ‘प्रदक्षिणा पथ’ कहलाता है।
(द) प्रदक्षिणा पथ को रेलिंग से घेर दिया जाता था। जिसे ‘वेदिका’ कहते हैं।
(ब)✔ व्याख्याःस्तूप का शाब्दिक अर्थ ‘टीला’ होता है। स्तूप आकार में कभी गोल या लम्बे तो कभी बड़े या छोटे होते हैं। सभी स्तूपों में बुद्ध या उनके अनुयायियों के शरीर के अवशेष अथवा उनके द्वारा प्रयुक्त कोई चीज़ एक डिब्बे में रखे जाते थे। इसे ‘धातु-मंजूषा’ कहते थे। स्तूप प्रायः इन्हीं धातु-मंजूषा के ऊपर रखा मिट्टी का टीला होता था। बाद में टीलों को ईंटों से ढक दिया गया। अतः कथन (b) गलत है। अन्य कथन सही हैं।
वेदिका में प्रवेश द्वार बने होते थे। रेलिंग तथा तोरण प्रायः मूर्तिकला की सुंदर कलाकृतियों से सजे होते थे। उदाहरण- अमरावती से (लगभग 2000 वर्ष पूर्व के) प्राप्त स्तूप को सजाने के लिये शिलाओं पर चित्र उकेरे गए। स्तूप निर्माण में राजा के अलावा व्यापारी, कृषक, श्रमिक भी योगदान देते थे, जैसे-हाथी दाँत का काम करने वाले श्रमिकों के संघ ने साँची के एक अलंकृत प्रवेश द्वार (तोरण) को बनवाने का खर्च दिया था।
प्रश्न=3. पूर्व मध्यकालीन आरंभिक हिन्दू मन्दिरों के सन्दर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये- 1. मन्दिरों का सबसे महत्त्वपूर्ण भाग ‘मण्डप’ होता था। 2. मन्दिरों में ‘गर्भगृह’ नाम की एक जगह होती थी। यह एक सभागार होता था जहाँ लोग एकत्र होते थे। 3. गर्भगृह के ऊपर काफी ऊँचाई तक निर्माण किया जाता था, जिसे ‘शिखर’ कहते थे। उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं ? (अ) केवल 1 व 2 (ब) केवल 2 और 3 (स) केवल 3 (द) 1, 2 और 3
(स)✔ व्याख्याःमंदिरों का सबसे महत्त्वपूर्ण भाग गर्भगृह होता था, जहाँ मुख्य देवी-देवताओं (विष्णु, शिव, दुर्गा आदि) को रखा जाता था। इसी स्थान पर पुरोहित धार्मिक अनुष्ठान करते थे और भक्त पूजा करते थे। गर्भगृह को पवित्र स्थान दिखाने के लिये अकसर उसके ऊपर शिखर बनाए जाते थे। उदाहरण- भितरगाँव के मन्दिर। अधिकतर मन्दिरों में मण्डप नाम की जगह होती थी। यह एक सभागार होता था, जहाँ लोग इकट्ठा होते थे। अतः केवल कथन 3 सही है।
आरंभिक हिन्दू मन्दिरों में भितरगाँव के मन्दिर (लगभग 1500 वर्ष पूर्व) महाबलीपुरम् के एकाष्मिक मन्दिर, एहोल का दुर्गा मन्दिर (लगभग 1400 वर्ष पूर्व) आदि बहुत प्रसिद्ध हैं। एकाश्म मन्दिरों की विशेषता है कि इन्हें एक ही विशाल शिलाखण्ड को ऊपर से नीचे की ओर तराश कर बनाया जाता था।
प्रश्न=4 पुराणों के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही नहीं है ?
(अ) पुराणों का पाठ पुजारी मन्दिरों में किया करते थे।
(ब) इनमें पूजा विधियों के साथ-साथ संसार की सृष्टि तथा राजाओं के बारे में भी कहानियाँ हैं।
(स) अधिकतर पुराण सरल संस्कृत श्लोक में लिखे गए हैं, जिससे सब उन्हें सुन और समझ सकें।
(द) स्त्रियाँ तथा शूद्र जिन्हें वेद पढ़ने की अनुमति नहीं थी, वे पुराणों को भी नहीं सुन सकते थे।
(द)✔ व्याख्याः कथन (a), (b) व (c) सही हैं परंतु (d) गलत है क्योंकि स्त्रियों तथा शूद्र जिन्हें वेद पढ़ने की अनुमति नहीं थी, वे भी पुराणों को सुन सकते थे। पुराणों का शाब्दिक अर्थ ‘प्राचीन’ है। ये पूर्व मध्यकाल में लिखे गए।
प्रश्न=5. निम्नलिखित में से कौन पुराणों के संकलन से संबंधित नहीं है ? (अ) व्यास (ब) उग्रश्रवा (स) लोमहर्ष (द) मंखक
(द)✔ व्याख्याःपुराणों की कुल संख्या 18 है परंतु मत्स्य पुराण में लिखा है कि पहले पुराण एक ही था। उसी से अन्य सभी पुराण निकले। ब्राह्मण पुराण के अनुसार वेदव्यास ने पुराण संहिता का संकलन किया। विष्णु पुराण से पता चलता है कि व्यास ने अपनी पुराण संहिता अपने शिष्य लोमहर्षण को दी। उग्रश्रवा लोमहर्ष के पुत्र थे। ये भी पुराणों के संकलन से जुड़े थे।
मंखक कश्मीर के एक संस्कृत महाकवि थे। ‘श्री कंठचरित् महाकाव्य’ तथा ‘मंखकोश’ इनकी रचनाएँ हैं। पुराणों के संकलनकर्त्ताओं में से एक ‘व्यास’ द्वारा ही महाभारत का संकलन किया गया था। महाभारत का लेखन कार्य 1500 वर्ष पूर्व किया गया।
प्रश्न=6 आर्यभट्टीयम के लेखक आर्यभट्ट निम्नलिखित में से किससे/किनसे संबंधित है/हैं ? 1. ज्योतिष 2. खगोल 3. गणित नीचे दिये गए कूट की सहायता से सही उत्तर का चयन कीजिये-
(अ) केवल 1 (ब) केवल 1 और 3 (स) केवल 2 और 3 (द) 1, 2 और 3
(द)✔ व्याख्याः गणितज्ञ तथा खगोलशास्त्री आर्यभट्ट ने संस्कृत में ‘आर्यभट्टीयम’ नामक पुस्तक लिखी। ये एक महान ज्योतिषविद् भी थे। उन्होंने अपनी पुस्तक में लिखा कि दिन और रात पृथ्वी के अपनी धुरी पर चक्कर काटने की वजह से होता है। उन्होंने ग्रहण के बारे में भी वैज्ञानिक तर्क दिया। उन्होंने वृत्त की परिधि को मापने की भी विधि ढूंढ निकाली जो लगभग उतनी ही सही है जितनी आज प्रयुक्त होने वाली विधि।
प्रश्न=7. शून्य के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये- 1. भारत के गणितज्ञों ने शून्य के लिये एक नए चिह्न का आविष्कार किया। 2. गिनती की यह पद्धति पहले यूरोपियों द्वारा अपनाई गई और उसके बाद पूरे अरब में फैल गई। 3. रोम के निवासी शून्य का प्रयोग किये बगैर गिनती करते थे। उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं ? (अ) केवल 1 (ब) केवल 1 और 3 (स) केवल 2 और 3 (द) 1, 2 और 3
(ब)✔ व्याख्याः कथन 1 और 3 सही हैं परंतु 2 गलत है क्योंकि गिनती की यह पद्धति अरबों द्वारा अपनाई गई और तब यूरोप में भी फैल गई। अन्य अंकों का प्रयोग पहले से होता था।
प्रश्न=8. कागज का आविष्कार निम्नलिखित में से कहाँ हुआ था ? (अ) भारत (ब) चीन (स) अरब (द) यूरोप
(ब)✔ व्याख्याः कागज का अविष्कार लगभग 1900 वर्ष पूर्व चीन में लून नाम के व्यक्ति ने किया। लगभग 1400 वर्ष पूर्व यह तकनीक कोरिया तक पहुँची। इसके तुरंत बाद ही जापान तक फैल गई। लगभग 1800 वर्ष पूर्व यह बगदाद में पहुँची, फिर बगदाद से यह यूरोप, अफ्रीका और एशिया के अन्य भागों में फैली। इस उपमहाद्वीप में कागज की जानकारी बगदाद से ही आई।
प्रश्न=9. सूची-I को सूची-II सुमेलित कीजिये तथा नीचे दिये गए कूट की सहायता से सही उत्तर का चयन कीजिये- सूची-I (काव्य) सूची-II(रचनाकार) अ. सिलप्पादिकारम् 1. वाल्मीकि ब. मणिमेखलई 2. सीतलै सत्तनार स. मेघदूतम् 3. कालिदास द. रामायण 4. इलांगो कूटः अ ब स द
(अ) 2 4 3 1 (ब) 4 3 1 2 (स) 4 2 3 1 (द) 2 1 3 4
(स)✔ व्याख्याः सिलप्पादिकारम् एक प्रसिद्ध तमिल महाकाव्य है, जिसकी रचना इलांगो द्वारा (लगभग 1800 वर्ष पूर्व) की गई थी। इसमें कोवलन नामक व्यापारी की कहानी है जो पुहार में रहता था। मणिमेखलई नामक महाकाव्य तमिल के एक व्यापारी सीतलै सत्तनार द्वारा (लगभग 1400 वर्ष पूर्व) लिखा गया था। इसमें कोवलन तथा माधवी की बेटी की कहानी है।
प्रसिद्ध गीतकाव्य मेघदूतम् कालिदास द्वारा रचित है। इसमें एक विरही प्रेमी बरसात के बादल को अपना संदेशवाहक बनाने की कल्पना करता है। कालिदास ने अपनी रचनाएँ संस्कृत में करते थे। प्रसिद्ध संस्कृत महाकाव्य ‘रामायण’ के रचनाकार वाल्मीकि हैं। इसमें कोशल के राजकुमार राम की कथा वर्णित है।
प्रश्न=10. कागज बनाने के संबंध में निम्न में से कौन सा कथन सही है ? (अ) कागज का आविष्कार करीब 1900 साल पहले कई लून नाम के व्यक्ति ने चीन में किया।
(ब) उसने पौधों के रेशों कपड़ों रसिया और पेड़ के छालों को पीट-पीटकर लुगदी बनाकर उसे पानी में भिगो दिया
(स) कागज बनाने की तकनीक को सदियों तक गुप्त रखा गया करीब 14 सौ साल पहले या कोरिया तक पहुंची।
(द) सभी कथन सत्य है
(द)✔
प्रश्न=11. प्राचीन भारत में आयुर्वेद के कौन दो प्रसिद्ध चिकित्सक थे ? (अ) चरक (ब) सुश्रुत (स) यह दोनों (द) इनमें से कोई नहीं
(स)✔ व्याख्या:- आयुर्वेद चिकित्सा विज्ञान की एक विख्यात पद्धति है जो प्राचीन भारत में विकसित हुई प्राचीन भारत में आयुर्वेद के दो प्रसिद्ध चिकित्सक थे चरक और सुरक्षित चरक द्वारा रचित चरक संहिता औषधी शास्त्र की एक उल्लेखनीय पुस्तक है अपनी रचना सुश्रुत संहिता में सूरत में शल्य चिकित्सा की विधियों का विस्तृत वर्णन किया है
प्रश्न=12. किस देश के निवासी शुन्य का प्रयोग किए बगैर गिनती करते थे ? (अ) अफ्रीकी (ब) अमेरिकी (स) रोम (द) Italian
(स)✔ व्याख्या:- अंको का प्रयोग पहले से होता रहा था पर अब भारत के गणितज्ञ ने सुनने के लिए एक नए चिन्ह का अविष्कार किया गिनती कि यहां पद्धति आर्यों द्वारा अपनाई गई और तब तक यूरोप में फैल गई आज भी यहां पूरी दुनिया में प्रयोग की जाती है रूम के निवासी सुनने का प्रयोग किए बगैर गिनती करते थे
प्रश्न=13. किस खगोल शास्त्री ने संस्कृत में आर्यभटिया नामक पुस्तक लिखी ? (अ) वराह मिहिर (ब) आर्यभट्ट (स) नागार्जुन (द) भास्कराचार्य
(ब)✔ व्याख्या:- गणितज्ञ तथा खगोल शास्त्री आर्यभट्ट ने संस्कृत में आर्यभट्ट नामक पुस्तक लिखी इसमें उन्होंने लिखा कि दिन और रात पृथ्वी के अपनी धुरी पर चक्कर काटने की वजह से होते हैं जबकि लगता है कि रोज सूर्य निकलता है और डूबता है उन्होंने ग्रहण के बारे में भी एक वैज्ञानिक तर्क दिया उन्होंने वृत्त की परिधि को मापने की विधि ढूंढ निकाली जो लगभग उतनी ही है जितनी कि आज प्रयुक्त होने वाली विधि
प्रश्न=14. पुरु वंश की राजधानी कहा थी ? (अ) एहोल (ब) हस्तिनापुर (स) तक्षशिला (द) गया
(ब)✔ व्याख्या:- पूर्व वंश की राजधानी हस्तिनापुर थी
प्रश्न=15. पुराण का शाब्दिक अर्थ है ? (अ) पुराणिक (ब) प्राचीन (स) प्रबुद्ध (द) परिणाम
(ब)✔ व्याख्या:- पुराण का शाब्दिक अर्थ है प्राचीन या पुराण पुराण में विष्णु शिव दुर्गा या पार्वती जैसी देवी देवताओं से जुड़ी कहानियां हैं इनमें इन देवी देवताओं की पूजा की विधियां दी गई है
प्रश्न=16. अधिकतर पुराण किस भाषा में लिखे गए हैं ? (अ) वैदिक संस्कृत में (ब) लौकिक संस्कृत में (स) सरल संस्कृत में (द) अरबी में
(स)✔ व्याख्या:- आदित्य पुराण सरल संस्कृत श्लोक में लिखे गए हैं जिससे सब उन्हें सुन और समझ सके कि स्त्रियां तथास्तु दर्जनों वेद पढ़ने का अनुमति नहीं थी वह भी इसे सुन सकते थे पुराणों का पाठ पुजारी मंदिर में क्या करते थे जिसे लोग सुनने आते थे
प्रश्न=17. जैन मठ किस राज्य में स्थापित है ? (अ) गुजरात (ब) उत्तराखंड (स) उड़ीसा (द) मध्य प्रदेश
(स)✔ व्याख्या:- जैन मठ भारत के उड़ीसा राज्य में स्थापित है
प्रश्न=18. महरौली का लोहा स्तंभ स्थित है ? (अ) दिल्ली (ब) उत्तर प्रदेश (स) मध्य प्रदेश (द) उड़ीसा
(अ)✔ व्याख्या:- महरौली का लौह स्तंभ कुतुब मीनार के परिसर में भारतीय शिल्पकार ओं की कुशलता का एक अद्भुत उदाहरण है इसकी ऊंचाई 7.5 डर और वजन 3 टन से भी ज्यादा है इसका निर्माण लगभग 15 साल पहले हुआ इसके बनने के समय की जानकारी हमें इस पर कूदे अभिलेख से मिलती है इसमें चंद्र नाम के एक शासक का जिक्र है जो संभवत गुप्त वंश के थे आश्चर्य की बात यह है कि इतने वर्षों के बाद भी इसमें जंग नहीं लगा
प्रश्न=19. स्तूपो के चारों ओर परिक्रमा करने के लिए एक वृत्ताकार पथ बना होता था जिसे कहा जाता था ? (अ) वृत्ताकार पथ (ब) दोलन पथ (स) प्रदक्षिणा पथ (द) शीला पथ
(स)✔ व्याख्या:- स्त्रपों के चारों ओर परिक्रमा करने के लिए एक वृत्ताकार पथ बना होता था जिससे प्रदक्षिणा पथ कहते हैं इस रास्ते को रेलिंग से गले लगा था जिसे वेदिका कहते हैं
Specially thanks to Post and Quiz Creator ( With Regards )
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