शक्ति का अर्थ ( Meaning of power )- शक्ति का सामान्य अर्थ किसी व्यक्ति द्वारा अन्य व्यक्तियों को प्रभावित करने की वह क्षमता है जिसमें बाध्यता का तत्व सम्मिलित होता है
राजनितिक विज्ञानं की महत्वपूर्ण अवधारणाओं में शक्ति एक प्रमुख अवधारणा हे जो की प्राचीनकाल से चली आ रही हे।
भारतीय विचारको में कौटिल्य ने दंड सिद्धान्त का प्रतिपादन किया एवम् समस्त सन्सारिक जीवन का मूल आधार दंड सिद्धान्त को माना हे इसी दंड सिद्धांत में शक्ति की अभिव्यक्ति होती हे।
पाश्चात्य विचारको में मेक्यावली ने अपनी पुष्तक The prince के अंतर्गत सर्वप्रथम शक्ति की विस्तृत व्याख्या की हे।
राजनितिक विज्ञानं में परम्परावादी दृष्टिकोण के स्थान आधुनिक दृष्टिकोण के समर्थको ने शक्ति पर बल दिया तथा उसे राजनितिक विज्ञान की विषय वस्तु में सामिल किया।
आधुनिक सन्दर्भ में कैटलिन प्रथम ऐसे विचारक हे जिन्होंने शक्ति के सैधांतिक तथा व्यवहारवादिक दोनों पक्षो का विश्लेषण किआ तथा यह प्रतिपादित किया की राजनितिक विज्ञान शक्ति का विज्ञान हे।
बेकर:- राजनितिक को शक्ति से अप्रतकर्णीय माना।
हॉब्स:- शक्ति को मानव स्वभाव की एक विशेष के रूप में स्वीकार किया हे तथा इनके अनुसार हर मनुष्य अधिक से अधिक राशि प्राप्त करना चाहता हे तथा उसकी इस इच्छा का अंत उसकी मृत्यु के साथ होता हे।
लार्ड ऐक्टन:- शक्ति भ्रस्ट करती हे तथा निरपेक्ष शक्ति पूर्ण भ्रस्ट करती हे।
उपर्युक्त विद्वानों के द्वारा राष्ट्रिय स्टार पर प्रतिपादित किया जा रहा था परंतु अंतराष्ट्रीय स्तर पर शक्ति को प्रतिपादित करने का श्रेय मोर्गेन्यौऊ को हे।
मार्गेन्याऊ:- हर प्रकार की राजनीति चाहे घरेलू हो या अंतराष्ट्रीय शक्ति के लिए संघर्ष हे। अर्थात मार्गेंयाऊ अंतराष्ट्रीय राजनितिक को शक्ति के लिए संघर्ष मानते हे।
मार्गेंयाऊ ने अपनी पुष्तक Politics Among Nations में यह प्रतिपादित किया की अंतराष्ट्रीय राजनिति में शक्ति का वाही स्थान हे जो की अर्थव्यवस्था में मुद्रा का होता होता हे।
शक्ति के स्रोत ( Power sources )
व्यक्तिक गुणों के द्वारा
अर्थ पर नियंत्रण करके
विभिन्न विचारधाराओं के प्रयोग के द्वारा
परिस्थितिगत शक्ति
शक्ति की विभिन्न विचारधाराएं ( Different views of power )
1. कार्ल मार्क्स का वर्ग प्रभुत्व सिद्धांत ( Class dominance theory of Karl Marx )- मार्क्स के अनुसार आर्थिक संसाधनों पर नियंत्रण करने वाला वर्ग बुर्जुआ वर्ग समाज के दरिद्र वर्ग सर्वहारा वर्ग पर अपना नियंत्रण स्थापित कर लेता है और राज्य एवं प्रशासकीय वर्ग सर्वहारा वर्ग का शोषण इसी आर्थिक आधार पर करते हैं।
2. शक्ति का विजातीय वर्ग सिद्धांत ( The principle of the zodiac of power )- इस सिद्धांत के अनुसार शक्ति समाज के विशिष्ट वर्ग में निहित रहती है रोबर्ट मिशेल्स ने इस अल्पतंत्र का लौह नियम और गीटानो मोस्का ने सामंती एवं नौकरशाहना दो वर्गों में विभाजन के माध्यम से बताया है।
3. मैक्स वेबर का नौकरशाही सिद्धांत ( Max Weber's bureaucratic theory ) - इसमें शक्ति राजनैतिक प्रतिनिधियों में निहित होती है एवं इस शक्ति को नौकरशाही तंत्र द्वारा बनाए रखा एवं उपयोग में लिया जाता है।
4. टालकोट पोर्संस की गतिशील विचारधारा ( Dynamic ideology of Talcott Porsons )- इसके अनुसार स्वयं समाज द्वारा उस व्यक्ति या समूह का चयन किया जाता है जो शक्ति का उपयोग समाज के हित में कर सकें।
शक्ति के प्रकार ( Types of power )
1. प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष शक्ति 2. केंद्रित एवं विकेंद्रित 3. परंपरागत शक्ति 4. करिश्मागत शक्ति 5. वैधानिक शक्ति 6. एकल एवं संचित शक्ति 7. भाई एवं दंड पर आधारित शक्ति 8. प्रलोभनों एवं प्रोत्साहनों पर आधारित शक्ति
Specially thanks to Post and Quiz makers ( With Regards )
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