अनुच्छेद 74 (1) राष्ट्रपति की सहायता और सलाह प्रदान करने के लिए एक मंत्रिपरिषद होगी जिसका प्रमुख प्रधानमंत्री होगा और यह है उम्मीद है कि राष्ट्रपति मंत्रिपरिषद द्वारा दी गई सलाह के अनुसार कार्य करेगा
42वां संविधान संशोधन अधिनियम 1976 द्वारा भारतीय संविधान में यह व्यवस्था की गई है कि राष्ट्रपति मंत्रिपरिषद द्वारा दी गई सलाह को मानने के लिए बाध्य है
44 वां संविधान संशोधन अधिनियम 1978 द्वारा यह व्यवस्था की गई है कि राष्ट्रपति मंत्रिपरिषद द्वारा दी गई सलाह को एक बार पुनर्विचार के लिए लौटा सकेगा लेकिन पुनः प्राप्त सेला को मानने के लिए बाध्य होगा तो उस पर इनकी न्यायालय में जांच नहीं की जाएगी कि क्या मंत्रियों ने राष्ट्रपति को सलाह दी और यदि दी तो क्या दी
अनुच्छेद 75
(1) प्रधानमंत्री की नियुक्ति राष्ट्रपति करेगा तथा अन्य मंत्रियों की नियुक्ति प्रधानमंत्री की सलाह पर राष्ट्रपति करेगा
1 (क) 91 वा संविधान संशोधन अधिनियम 2003 द्वारा यह व्यवस्था की गई है कि मंत्रिपरिषद का आकार प्रधानमंत्री सहित लोकसभा की कुल सदस्य संख्या का 15% से अधिक ( 82 सदस्य) नहीं होगा
(2) मंत्री राष्ट्रपति के प्रसादपर्यंत पद धारण करेंगे
(3) मंत्रिपरिषद सामूहिक रूप से लोकसभा के प्रति उत्तरदाई होगी
(4) मंत्री अनुसूचि 3 में वर्णित पद व गोपनीयता की शपथ राष्ट्रपति द्वारा लेंगे
(5) यदि ऐसा कोई व्यक्ति जो संसद के किसी भी सदन का सदस्य नहीं है और मंत्री परिषद का सदस्य बन जाता है तो उसे 6 माह के अंदर संसद के किसी भी सदन की सदस्यता ग्रहण करना आवश्यक होगा
(6) मंत्रियों के वेतन भत्ते
अनुच्छेद 78 प्रधानमंत्री के कर्तव्य
1. एक प्रधानमंत्री का कर्तव्य होगा कि वह राष्ट्रपति को संघ के प्रशासन से संबंधित मामलों के बारे में मंत्री परिषद द्वारा लिए गए निर्णय व स्ताव के बारे में सूचित करें
2. किसी ऐसे मामले पर जिसमें किसी मंत्री द्वारा निर्णय लिया जा चुका है लेकिन जिस पर मंत्री परिषद में विचार नहीं किया गया है मंत्रिपरिषद के विचारार्थ भेजेगा
प्रधानमंत्री के कर्तव्य व भूमिका
प्रधानमंत्री साधारणता लोकसभा में बहुमत दल का नेता होता है
वह अन्य मंत्रियों का चयन करता है तथा उन्हें विभागीय कार्य आवंटित करता है
मंत्रिपरिषद और मंत्रिमंडल की बैठकों की अध्यक्षता करता है
राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की सलाह से ही मंत्री परिषद को भंग कर सकता है
भारत के प्रधानमंत्री
पंडित जवाहरलाल नेहरू ( 15 अगस्त 1947 - 27 मई 1964 )
( 16 वर्ष 9 माह 13 दिन) (गुलजारी लाल नंदा कार्यवाहक)
लाल बहादुर शास्त्री ( 9 जून 1964 - 11 जनवरी 1966 )
गुलजारी लाल नंदा
इंदिरा गांधी ( 1966 से 1977 )
मोरारजी देसाई ( 1977 से 1979 )
चौधरी चरण सिंह ( 1979 से 1980 )
इंदिरा गांधी 1980 से 1984 ( पद पर रहते हुए हत्या )
राजीव गांधी ( 1984 से 1989 )
वीपी सिंह ( 1989- 1990 )
चंद्रशेखर ( 1990 से 1991 )
पी वी नरसिम्हा राव 1991 से 1996 ( दक्षिणी भारत के PM बनने वाले प्रथम )
अटल बिहारी वाजपेई 1996 से 1996 ( सबसे कम कार्यकाल 13 दिन )
एचडी देवगौड़ा 1996 से 1997
इंद्र कुमार गुजराल 1997 से 1998
अटल बिहारी वाजपेई 1998 से 2004
मनमोहन सिंह 2004 से 2014
नरेंद्र मोदी 2014 से लगातार
प्रथम व एकमात्र कार्यवाहक प्रधानमंत्री गुलजारीलाल नंदा तत्कालीन विदेश मंत्री थे
पद पर रहते हुए मरने वाले प्रधानमंत्री
जवाहरलाल नेहरू पहले
लाल बहादुर शास्त्री विदेशी धरती पर मरने वाले पहले
ताशकंद इंदिरा गांधी पद पर रहते हुए हत्या तीसरी
प्रधानमंत्री बनते समय संसद के किसी भी सदन के सदस्य नहीं थे
पी वी नरसिम्हा राव
एचडी देवगौड़ा
ऐसे प्रधानमंत्री जो पहले किसी राज्य के मुख्यमंत्री रहे
मोरारजी देसाई (मुंबई)
चौधरी चरण सिंह
वीपी सिंह
पी वी नरसिम्हा राव (आंध्र प्रदेश)
HD देवड़ा (कर्नाटक)
नरेंद्र मोदी (गुजरात)
PM राज्यसभा के सदस्य रहे
इंदिरा गांधी
इंद्र कुमार गुजराल
मनमोहन सिंह
Prime Minister of India important facts
15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र ध्वज प्रधानमंत्री पर फहराता है 26 जनवरी को राष्ट्रपति राष्ट्रध्वज फहराता है
देश के एकमात्र प्रधानमंत्री जिन्हें दो देशों की नागरिकता प्राप्त थी जवाहरलाल नेहरू ( भारत व इंग्लैंड )
प्रथम गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई
देश के एकमात्र प्रधानमंत्री जिनका जन्म दिवस पर थी 4 वर्ष बाद आता है मोरारजी देसाई
देश के एकमात्र प्रधानमंत्री जिन्होंने एक बार भी लोकसभा का सामना नहीं किया चौधरी चरण सिंह
देश के एकमात्र पूर्व प्रधानमंत्री जिनकी लोकसभा सदस्यता को न्यायालय द्वारा निलंबित कर दिया गया इंदिरा गांधी
देश के एकमात्र व प्रथम प्रधानमंत्री जो बाद में चुनाव हारे इंदिरा गांधी
देश के एकमात्र प्रधानमंत्री जिन्हें लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करने का गौरव प्राप्त नहीं हुआ चंद्रशेखर
देश के एकमात्र प्रधानमंत्री जिन्हें पदावधि के बाद न्यायालय द्वारा फौजदारी मामले में घसीटा गया पी वी नरसिम्हा राव
Specially thanks to Post and Quiz makers ( With Regards )
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