RAS EXAM ART CULTURE QUESTION 25 ( राजस्थान की कला संस्कृति )
RAS EXAM ART CULTURE QUESTION 25
( राजस्थान की कला संस्कृति )
प्रश्न-1.. राजस्थान में शैव धर्म को मानने वाली रियासत कौन सी है?? (अ)- जयपुर (ब)- जोधपुर (स)- अलवर (द)- बीकानेर ब- जोधपुर(राजस्थान में शैव धर्म का अनेक राजवंशों पर प्रभाव था जिनमें मेवाड़ और मारवाड़ रियासतें प्रमुख हैं मेवाड़ में लकुलीश और मारवाड़ में नाथ संप्रदाय का अधिक प्रभाव रहा ✅⚜
प्रश्न-2.. जहां दादू ने अपना अंतिम समय बिताया था उस स्थान का क्या नाम था?? (अ)- सांभर (ब)- शाहपुरा (स)- जयपुर (द)- नारायणा द-नारायणा(संत दादू दयाल ने अपना अंतिम समय नारायण जयपुर में बिताया और यही 1603 में उनकी मृत्यु हुई दादू पंथ की प्रमुख पीठ नारायणा में स्थित है ✅⚜
प्रश्न-3.. मध्यकालीन मेवात के प्रसिद्ध संत थे?? (अ)- चरणदास (ब)- हरिरामदास (स)- सुंदरदास (द)- लाल दास द- लाल दास(मध्यकालीन मेवात के प्रसिद्ध संत लालदास जी का जन्म अलवर जिले के धोली दूब गांव में हुआ इन्होंने तिजारा के मुस्लिम संत राहन विश्ती से दीक्षा ली और लालदासी संप्रदाय की स्थापना कर निर्गुण भक्ति का प्रचार किया संत लालदास में हिंदू और मुस्लिम दोनों धर्मों की अच्छाइयों को अपनाकर लोगों को उपदेश दिए उनके अनुसार ईश्वर और अल्लाह एक है मेव(मुसलमान) लाल दास जी को पीर मानते हैं ✅⚜
प्रश्न-4.. सन्यासियों के सुल्तान के उपनाम से किसे जाना जाता है?? (अ)- ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती (ब)- पीर हाजी निजामुद्दीन (स)- हमीदुद्दीन नागौरी (द)- गुलाम खा स- हमीदुद्दीन नागौरी(प्रसिद्ध चिश्ती संत शेख हमीदुद्दीन नागौरी नागौर राजस्थान में आकर बसे इन्होने इल्तुतमिश द्वारा प्रदत शेख उल इस्लाम के पद को अस्वीकार कर दिया यह केवल कृषि से जीविका चलाते थे हमीदुद्दीन नागौरी को उनके संयम और धार्मिकता के कारण ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती ने सुल्तान उल तरीकीन( सन्यासी के सुल्तान) की उपाधि भारत में अजमेर के बाद नागौर में दूसरा बड़ा और हमीदुद्दीन नागौरी का लगता है ✅⚜
प्रश्न-5.. संत भूरीबाई अलख का कार्यक्षेत्र था?? (अ)- मारवाड़ (ब)- मेवाड़ (स)- वागड़ (द)- गोड़वाड़ ब- मेवाड़(संत भूरी बाई अलख की गिनती मेवाड़ की महान संत महिलाओं में की जाती है वर्तमान उदयपुर जिले के सादर गढ़/सरदारगढ़ में जन्मी भूरी बाई नारा बाई के प्रभाव से वैराग में ही हो गई थी भूरी बाई ने निर्गुण सगुण भक्ति के दोनों रूपों को स्वीकारा था भूरीबाई उदयपुर की अल्लाह रखा बाई और उस्ताद हैदराबादी के भजनों से प्रभावित थी यह माया भील द्वारा निर्मित कुटी में साधना करती थी ✅⚜
प्रश्न-6.. युद्ध भूमि में जाते समय अपने पति द्वारा निशानी मांगने पर जिसने अपना शीश काटकर भेंट कर दिया वह थी?? (अ)- रानी कर्मावती (ब)- रानी पद्मिनी (स)- रानी जोधाबाई (द)- रानी हाडी द- रानी हाडी(हाड़ा वंश की राजकुमारी सलह कंवर का विवाह मेवाड़ महाराणा राज्य से के प्रमुख सरदार रतन सिंह चुंडावत से हुआ था सलह कंवर राजस्थान के इतिहास में हाड़ी रानी के नाम से प्रसिद्ध है मेवाड़ के राणा राज्य से के समय मेवाड़ मुगल संघर्ष के दौरान राणा के आदेश पर रावत रतन सिंह को मुगलों के विरुद्ध युद्ध के लिए जाना पड़ा रतन सिंह द्वारा निशानी मांगने जाने पर हाड़ी रानी ने अपना सिर काटकर निशानी के रूप में भिजवा दिया था ✅⚜
प्रश्न-7.. पशुपति संप्रदाय का संस्थापक कौन था?? (अ)- लकुलीश (ब)-बाव (स)-कौशिक (द)-वसुबन्धु अ- लकुलीश(पशुपति शिव धर्म का प्राचीनतम संप्रदाय है पुराणों के अनुसार इस संप्रदाय की स्थापना लकुलीश ने की थी पशुपति मतावलंबी लकुलीश को भगवान शिव का 28वां और अंतिम अवतार मानते हैं राजस्थान में पशुपति संप्रदाय का प्रमुख स्थान उदयपुर के निकट कैलाशपुरी में एकलिंग जी हैं जहां भगवान शिव की एक लिंग के रूप में पूजा की जाती है एकलिंग जी मेवाड़ महाराणा के आराध्य देव थे ✅⚜
प्रश्न-8.. नगला पेट किस संप्रदाय से संबंधित है?? (अ)- लालदासी संप्रदाय (ब)- नाथ पीठ संप्रदाय (स)- दादू संप्रदाय (द)- विश्नोई संप्रदाय अ- लालदासी संप्रदाय(मेवात क्षेत्र के प्रसिद्ध संत लालदास जी की मृत्यु भरतपुर जिले के नगला गांव में 1648 में हुई थी अलवर जिले में रामगढ़ के पास शेरपुर गांव में लाल दास की समाधि स्थित है ✅⚜
प्रश्न-9.. भक्ति आंदोलन राजस्थान में फैलाने वाले संत थे?? (अ)- निंबार्क (ब)- दादू (स)- नानक (द)- सूरदास ब- दादू(संत दादू दयाल का जन्म 1544 में अहमदाबाद गुजरात में हुआ था इनका लालन पोषण लोधी राम रावण ने किया था जन्मभूमि गुजरात होने के बावजूद संत दादू की साधना स्थली और कर्म स्थली राजस्थान है संत दादू को राजस्थान का कबीर कहा जाता है क्योंकि संत दादू ने भी कबीर की तरह लोग भाषा में राजस्थान में निर्गुण भक्ति आंदोलन को फैलाया ✅⚜
प्रश्न-10.. निम्नलिखित में से पुष्टिमार्ग के प्रवर्तक कौन हैं?? (अ)- निंबार्काचार्य (ब)- रामानंदाचार्य (स)- रामानुजाचार्य (द)- वल्लभाचार्य द- वल्लभाचार्य(दार्शनिक सिद्धांत शुद्धाद्वैतवाद के प्रतिपादक वैष्णव संत वल्लभाचार्य ने वल्लभ संप्रदाय की स्थापना की थी सगुण भक्ति परंपरा के पोषक वल्लभाचार्य के भक्ति मार्ग को पुष्टिमार्ग का जाता है इसीलिए यह संप्रदाय पुष्टिमार्गीय वैष्णव संप्रदाय के नाम से भी जाना जाता है ✅⚜
प्रश्न-11.. रेढ़ का संबंध है?? (अ)- रामस्नेही संप्रदाय से (ब)- विश्नोई संप्रदाय से (स)- लालदासी संप्रदाय से (द)- मीरा दासी संप्रदाय से अ- रामस्नेही संप्रदाय से(रेढ़-नागौर का संबंध रामस्नेही संप्रदाय से है रामस्नेही संप्रदाय की रेड शाखा के संस्थापक संत दरियाव जी का जन्म जैतारण में हुआ था इनका पंथ दरिया पंथ नाम से जाना जाता है इस पंथ के अनुयाई निर्गुण ब्रह्मा में विश्वास करते हैं ✅⚜
प्रश्न-12.. तेरापंथी संप्रदाय किस धर्म से जुड़ा है?? (अ)- जैन धर्म (ब)- वैष्णव धर्म (स)- हिंदू धर्म (द)- बौद्ध धर्म अ- जैन धर्म(तेरापंथी संप्रदाय जैन धर्म से जुड़ा हुआ है राजस्थान की श्वेतांबर शाखा की स्थानकवासी उपशाखा से तेरापंथी का उद्भव हुआ इसके प्रवर्तक भीखण जी (संत भिक्षु)थे। गुरु से मतभेद होने के कारण भीखण जी ने 1760 में तेरापंथी की स्थापना की थी क्योंकि भीखण जी के सिद्धांतों को मानने वाले आरंभिक साधुओं की संख्या 13 थी इसीलिए यह पंथ तेरापंथी कहलाया मेवाड़ के राजनगर और केलवा में तेरह पंथ का अत्यधिक प्रभाव रहा तेरापंथ के नवे आचार्य श्री तुलसी ने अणुव्रत व आचार्य महाप्रज्ञ ने प्रेक्षाध्यान का सिद्धांत दिया ✅⚜
प्रश्न-13.. अभिलेखों के आधार पर राजस्थान में आठवीं सदी के मध्य किस देवता की सर्वोच्च रूप से पूजा की जाती थी?? (अ)-शिव (ब)-विष्णु (स)-ब्रह्मा (द)-सूर्य अ-शिव(पूर्व मध्यकालीन (आठवीं से- दसवीं सदी ) राजस्थान के अभिलेखों के अनुसार यहां शैव धर्म सर्वप्रमुख था और शिव की सर्वोच्च देवता के रूप में पूजा की जाती थी आभानेरी ओसिया आदि में शिव की अर्धनारीश्वर रूप में पूजा किए जाने का सातवीं -आठवीं सदी के पुरातात्विक प्रमाण मिलते हैं राजस्थान में शिव धर्म का अनेक राजवंशों पर प्रभाव था जिनमें मेवाड़ और मारवाड़ रियासतें प्रमुख है ✅⚜
प्रश्न-14.. संत पीपा के अनुसार मोक्ष का साधन है?? (अ)- भक्ति (ब)- ध्यान (स)- साधना (द)- पाप अ- भक्ति(राजस्थान में भक्ति आंदोलन की अलख जगाने वाले प्रथम संत पीपाजी थे संत पीपा का जन्म गागरोन झालावाड़ नरेश कडा़वा राव खींची चौहान के घर हुआ था उन्होंने निर्गुण ब्रह्म की उपासना पर बल दिया ✅⚜
प्रश्न-15.. प्रसिद्ध संत सलीम रहते थे?? (अ)- दिल्ली में (ब)- अजमेर में (स)- फतेहपुर सीकरी में (द)- लाहौर में स- फतेहपुर सीकरी में(शेख सलीम चिश्ती के नाम पर ही मुगल बादशाह अकबर ने अपने पुत्र का नाम सलीम (बादशाह जहांगीर) रखा था शेख सलीम ने अपना खानकाह फतेहपुर सीकरी में बनाया ✅⚜
प्रश्न-16.. जसनाथजी संप्रदाय की उत्पत्ति किस राज्य में हुई?? (अ)- जोधपुर (ब)- बीकानेर (स)- टोंक (द)- अलवर ब- बीकानेर(संत जसनाथ जी का जन्म 1482 में बीकानेर जिले के कतरियासर गांव में हुआ था इन्होंने ही जसनाथी संप्रदाय की स्थापना की थी निर्गुण भक्ति संत जसनाथ जी ने सृष्टि ईश्वर मोक्ष और कर्म के संबंध में गुरु के मार्गदर्शन और निराकार ईश्वर की उपासना पर बल दिया ✅⚜
प्रश्न-17.. राजस्थान का ग्रामीण विश्नोई संप्रदाय किस लोक देवता का अनुयाई है?? (अ)- हड़बूजी (ब)- मेहाजी (स)- जांभोजी (द)- पाबूजी स- जांभोजी(संत जांभोजी ने अपने अनुयायियों को 29 सिद्धांतों का पालन करने का उपदेश दिया था इन्हीं 29 सिद्धांतों का पालन करने वाले अनुयायियों को विश्नोई कहा जाता है विश्नोई संप्रदाय को पर्यावरण की सुरक्षा करने के लिए भी जाना जाता है जांभोजी ने 1482 में विश्नोई संप्रदाय की स्थापना की थी विष्णु के उपासक जांभोजी ने विष्णु की निर्गुण भक्ति पर जोर दिया था ✅⚜
प्रश्न-18.. दादू पंथ का अधिकार साहित्य किस बोली में लिपिबद्ध है?? (अ)- मेवाड़ी बोली (ब)- मेवाती बोली (स)- बागड़ी बोली (द)- ढूंढाड़ी बोली द- ढूंढाड़ी बोली(दादू पंथ का अधिकाश साहित्य ढूंढाड़ी बोली में है दादू ने स्थानीय भाषा ढूंढाड़ी में अपने सिद्धांतों का प्रचार किया जिस पर गुजराती पश्चिमी हिंदी और पंजाबी शब्दों का प्रयोग भी दिखाई देता है ✅⚜
प्रश्न-19.. राजस्थान में गौड़ीय संप्रदाय का प्रधान केंद्र स्थित है?? (अ)- जयपुर (ब)- भरतपुर (स)- दोसा (द)- करौली अ- जयपुर(राजस्थान में गौड़ीय संप्रदाय का प्रधान केंद्र जयपुर में सवाई जयसिंह द्वारा निर्मित गोविंद देव जी का मंदिर यादव शासक गोपाल पाल ने करोली में मदन मोहन मंदिर का निर्माण करवाया जो राजस्थान में गोडी़य संप्रदाय की द्वितीय पीठ माना जाता है ✅⚜
प्रश्न-20.. निम्न में से किसके द्वारा गौड़ीय संप्रदाय की स्थापना की गई थी?? (अ)- लाल गिरी (ब)- चैतन्य महाप्रभु (स)- निंबकाचार्य (द)- नवल दास जी ब- चैतन्य महाप्रभु(बंगाल के महान भक्ति संत चैतन्य महाप्रभु (1486 से 1533 )ने गौड़ीय संप्रदाय की स्थापना की थी आमेर महाराजा मानसिंह वृंदावन में गौड़ीय संप्रदाय के प्रभाव में आए थे ✅⚜
प्रश्न-21.. गूदड़ संप्रदाय की स्थापना निम्न में से किस संत द्वारा की गई?? (अ)- संत निंबार्काचार्य (ब)- संत दास जी (स)- संत पीपा (द)- संत जांभोजी ब- संत दास जी(गूदड़ संप्रदाय के संस्थापक संत दास जी थे संतदास जी गुदड़ी के बने वस्त्र धारण करते थे इस कारण यह संप्रदाय गूदड़ संप्रदाय कहलाया इस संप्रदाय के प्रमुख गद्दी भीलवाड़ा जिले में दांतड़ा नामक स्थान पर है ✅⚜
प्रश्न-22.. नवल संप्रदाय की मुख्य गद्दी है?? (अ)- भरतपुर में (ब)- अलवर में (स)- बाड़मेर में (द)- जोधपुर में द- जोधपुर में(नवल संप्रदाय की स्थापना संत नवल दास जी के द्वारा की गई थी इनका जन्म हस्सोलाव गांव (नागौर) में हुआ था इस संप्रदाय की मुख्य गद्दी जोधपुर में ✅⚜
प्रश्न-23.. राज्य के चुरू जिले में जन्मे स्वामी लाल गिरी द्वारा 10 वीं सदी में किस संप्रदाय की स्थापना की गई थी?? (अ)- रामानंदी संप्रदाय (ब)- निरंजनी संप्रदाय (स)- अलखिया संप्रदाय (द)- वल्लभ संप्रदाय स- अलखिया संप्रदाय(राजस्थान राज्य के चुरू जिले में जन्मे स्वामी लाल गिरी के द्वारा 10 वीं शताब्दी में अलखिया संप्रदाय की स्थापना की गई थी यह निर्गुण भक्ति संप्रदाय है जिसका प्रमुख ग्रंथ अलख स्तुति प्रकाश है अलखिया संप्रदाय की प्रधान पीठ बीकानेर में है ✅⚜
प्रश्न-24.. राजाराम संप्रदाय के प्रवर्तक थे?? (अ)- आचार्य परशुराम (ब)- संत लालदास (स)- संत राजाराम (द)- संत रवि मोहन स- संत राजाराम( राजाराम संप्रदाय की स्थापना संत राजाराम द्वारा की गई संत राजाराम ने जातिगत संकीर्णता से ऊपर उठकर मानवता और भ्रातृभाव का संदेश दिया इन्होंने हरे वृक्ष नहीं काटने और अधिकाधिक वृक्षारोपण करने का उपदेश दिया*✅⚜
प्रश्न-25.. उत्तर भारत में भक्ति आंदोलन का संस्थापक माना जाता है?? (अ)- रामानंद को (ब)- संत वल्लभाचार्य को (स)- संत निंबार्काचार्य को (द)- लकुलीश को अ- रामानंद को(रामानंदी संप्रदाय के संस्थापक रामानंद को उत्तर भारत में भक्ति आंदोलन का संस्थापक माना जाता है ✅⚜
प्रश्न-26.. मंत्रराज प्रकाश और हरी पुरुष की वाणी नामक ग्रंथ का संबंध किस संत से है?? (अ)- संत नवल दास (ब)- संत चरणदास (स)- संत लालदास (द)- संत हरिदास द- संत हरिदास( संत हरिदास के आध्यात्मिक विचार मंत्रराज प्रकाश और हरिपुर की वाणी नामक ग्रंथ में संकलित है*✅⚜
प्रश्न-27.. निरंजनी संप्रदाय के प्रवर्तक थे?? (अ)- संत हरिदास (ब)- संत लालदास (स)- संत दादू दयाल (द)- संत जसनाथ जी अ- संत हरिदास(निरंजनी संप्रदाय की स्थापना संत हरिदास द्वारा की गई इनका जन्म नागौर जिले में डीडवाना के पास कापडो़द गांव में हुआ इस संप्रदाय में परमात्मा को अलख निरंजन या हरि निरंजन कहा जाता है निरंजनी संप्रदाय व्यक्ति और अनासक्ति में विश्वास करता है तथा शुद्ध आचरण पर जोर देते हुए निर्गुण उपासना को सर्वश्रेष्ठ मानता है*✅⚜
प्रश्न-28.. सोलह तिथि ,सहज प्रकाश आदि ग्रंथों की रचना किस महिला संत के द्वारा की गई?? (अ)- संत कर्मा बाई (ब)- संत रानाबाई (स)- संत मीराबाई (द)- संत सहजोबाई द- संत सहजोबाई(सहजोबाई राधा कृष्ण भक्ति की संत नारी थी इन्होंने सोलह तिथि ,सहज प्रकाश इत्यादि ग्रंथों की रचना की थी यह चरणदासी मत की प्रमुख संत नारी थी ✅⚜
प्रश्न-29.. निम्नलिखित में से असंगत है?? (अ)- जसनाथ जी जन्म 1482 बीकानेर के कतरियासर गांव (ब)- धन्ना जी जन्म 1428 सवाई माधोपुर के शेरपुर गांव (स)- जांभोजी जन्म 1451 नागौर जिले के पीपासर गांव (द)- मावजी जन्म बागड़ क्षेत्र में साबला गांव डूंगरपुर में ब- धन्ना जी जन्म 1428 सवाई माधोपुर के शेरपुर गांव में(धन्ना जी का जन्म टोंक जिले के धुआ कला गांव में 1415 में हुआ था ✅⚜
प्रश्न-30.. संत पीपा की गुफा कहां है?? (अ)- गागरोन (ब)- पीपाड़ (स)- धनेरा (द)- रोडा़ संत पीपा मध्यकालीन राजस्थान में भक्ति आंदोलन के प्रमुख संतों में से एक थे वह देवी दुर्गा के भक्त बन गए थे बौद्ध के समय में उन्होंने रामानंद जी को अपना गुरु मान लिया और रामानंद जी से दीक्षा लेकर निर्गुण भक्ति परंपरा का सूत्रपात किया था वह अपनी पत्नी सीता के साथ राजस्थान के रोड़ा/टोडा नगर में एक मंदिर में रहने लगे थे संत पीपा जी का जन्म 1425/26 मेरी राजस्थान के झालावाड़ जिले के गागरोन रियासत में वहां के नरेश कड़ावा राव खींची के यहां हुआ था इनके बचपन का नाम राजकुमार प्रताप सिंह था दर्जी समुदाय के लोक संत पीपा जी को अपना आराध्य देव मानते थे बाड़मेर जिले के समदड़ी कस्बे में संत पीपाजी का एक विशाल मंदिर बना हुआ है जहां हर वर्ष विशाल मेला लगता है इसके अतिरिक्त गागरोन झालावाड़ और मसूरिया जोधपुर में भी इनकी स्मृति में मेलों का आयोजन होता है संत पीपा जी ने चीता वाणी जोग नामक गुटका की रचना की जिसका लिपि काल संवत 1868 दिया गया है पीपा जी ने अपना अंतिम समय टोंक जिले के रोड़ा/टोड़ा गांव में बिताया था और वहीं पर चैत्र माहं की कृष्ण पक्ष नवमी को इनका निधन हुआ जो आज भी पीपाजी की गुफा के नाम से प्रसिद्ध है गुरु नानक देव ने उनकी रचनाएं उनके पोते अनंत दास के पास से टोडा नगर में ही प्राप्त की थी इस बात का प्रमाण अनंत दास द्वारा लिखित परचई के 25वे प्रसंग से भी मिलता है इस रचना को बाद में गुरु अर्जुन देव ने गुरु ग्रंथ साहिब में जगह दी थी
Quiz Winner- अलीराज जी बिसायती भीलवाड़ा, ओम प्रकाश जी साहू जालोर
Specially thanks to Post and Quiz makers ( With Regards )
0 Comments