Ras Mains Test Series -12

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समाजशास्त्र  - धर्म निरपेक्षता, मुद्दे एवं सामाजिक समस्याएं 


अतिलघुतरात्मक (15 से 20 शब्द)

प्र 1. धर्मनिरपेक्षता का अर्थ समझाइए?

उत्तर- धर्मनिरपेक्षता में राज्य का कोई धर्म नहीं होता है और ना ही राज्य किसी भी धर्म को अपना संरक्षण देता है। धर्मनिरपेक्ष राज्य के लिए सभी धर्म समान होते हैं।

प्र 2. भ्रष्टाचार की अवधारणा का अर्थ क्या है?

उत्तर- प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष व्यक्तिगत लाभ प्राप्ति हेतु जानबूझकर अपने निश्चित कर्तव्यों की पूर्ति न करना ही भ्रष्टाचार है।

प्र 3. संथानम समिति ।

उत्तर- भ्रष्टाचार को रोकने के उपाय बताने के उद्देश्य से के. संथानम की अध्यक्षता में जून 1962 में इस समिति का गठन किया गया। इस समिति ने अनुच्छेद 311 को संशोधित करने, केंद्रीय सतर्कता आयोग की स्थापना करने, कर्मचारियों के लिए आचार संहिता के नियम बनाने की सिफारिशें की।

प्र 4. जातिवाद से क्या अभिप्राय है ?

उत्तर- अपनी जाति के प्रति विशेष आग्रह के कारण तो दूसरी अन्य जातियों के प्रति उपेक्षा का भाव रखना जो एक संकीर्ण विचारधारा है तथा जिससे सामाजिक असमानता का जन्म होता है, जातिवाद कहलाता है

प्र 5. पंथनिरपेक्षता धर्मनिरपेक्षता से किस प्रकार भिन्न है?

उत्तर- भारतीय दर्शन अनुसार धर्म का अर्थ कर्तव्य एवं सदाचार पालन से हैं। धर्मनिरपेक्षता में व्यक्ति या राष्ट्र इसे निरपेक्ष नहीं रह सकता जबकि पंथनिरपेक्षता में ऐसा नहीं है।

लघूतरात्मक (50 से 60 शब्द)

प्र 6. सांप्रदायिकता लोकतंत्र को किस प्रकार प्रभावित करती है?

उत्तर-

  1. सांप्रदायिकता के आधार पर राजनीतिक दलों का गठन किया गया,जो राष्ट्रीय हितों की अपेक्षा सांप्रदायिक हितों को प्राथमिकता देते हैं। हिंदू महासभा अकाली दल मुस्लिम लीग इत्यादि सांप्रदायिक राजनीतिक दल है।

  2. चुनाव में सभी दल अपने प्रत्याशी योग्यता के आधार पर नहीं बल्कि सांप्रदायिक समीकरण के आधार पर खड़े करते हैं।

  3. मतदाता सांप्रदायिक आधार पर वोट डालता है।

  4. सांप्रदायिक ईष्या ही राजनीति की जनक है।

  5. सांप्रदायिकता सामाजिक विघटन को बढ़ावा देती हैं, तथा सांप्रदायिक दंगों के लिए उत्तरदाई होती है।


प्र 7. सापेक्ष एवं निरपेक्ष निर्धनता का अर्थ बताते हुए निर्धनता के कारण बताइए।

उत्तर- सापेक्ष निर्धनता से अभिप्राय है दूसरे देशों की तुलना में पाए जाने वाली निर्धनता जबकि निरपेक्ष निर्धनता से अभिप्राय है किसी देश की आर्थिक अवस्था को ध्यान में रखते हुए निर्धनता के माप से हैं। इसका अनुमान प्रति व्यक्ति उपभोग की जाने वाली न्यूनतम कैलोरी की मात्रा या न्यूनतम उपभोग स्तर द्वारा लगाया जाता है।

निर्धनता के कारण-

1. राष्ट्रीय उत्पाद का निम्न स्तर
2. विकास की कम दर
3. जनसंख्या का अधिक दबाव
4. स्फीतिक दबाव
5. निरंतर रहने वाली बेरोजगारी
6. पूंजी की अपर्याप्तता
7.योग्य एवं निपुण उद्योग कर्मियों का अभाव
8. पुरानी सामाजिक संस्थाएं
9. आधारिक संरचना का अभाव

प्र 8. महिला सशक्तिकरण पर टिप्पणी लिखिए (120 शब्द) ।

उत्तर-वैदिक काल में महिलाओं को शिक्षा और सामाजिक क्षेत्रों में पुरुषों के बराबर अधिकार प्राप्त है,लेकिन उत्तर वैदिक काल आते-आते पर्दा प्रथा, अशिक्षा तथा अन्य सामाजिक कुरीतियाँ फैलती गई। आधुनिक काल में शिक्षा के प्रसार,समाज सुधारकों के प्रयासों से महिलाओं के सम्मान तथा अधिकारों के लिए आवाज उठने लगी तथा महिला सशक्तिकरण जोर पकड़ने लगा।

महिला सशक्तिकरण के लिए महिलाओं की सहभागिता अतिआवश्यक है। महिलाओं के प्रति समन्वयात्मक दृष्टिकोण अपनाकर पुराने रूढ़ सामाजिक मूल्यों के रूपांतरण की आवश्यकता है। वर्तमान में नारी के विकास के लिए संविधान के मूल अधिकारों और नीति निर्देशक तत्व में कई प्रावधान किए गए हैं,जिनमें स्त्री को पुरुषों के समान अधिकार दिए गए हैं। 2005 में हिंदू उत्तराधिकारी कानून में संशोधन से बेटियों को बेटों के बराबर अधिकार प्रदान किया गया। राजनीतिक क्षेत्र में भी महिलाओं ने पुरुषों के बराबर अपनी पहचान बनाई है।

रमाबाई पंडित ने शिक्षा क्षेत्र पर कार्य किया तो मदर टेरेसा ने सर्वप्रथम सभी गरीबों के लिए मुफ्त में सेवा का कार्य किया। साहित्य के क्षेत्र में महादेवी वर्मा,सरोजिनी नायडू जैसी महिलाएं प्रसिद्धि प्राप्त कर चुकी है। खेल क्षेत्र में सानिया मिर्जा, साइना नेहवाल, अपूर्वी चंदेला जैसे खिलाड़ियों ने उल्लेखनीय कार्य किया है। सरकार द्वारा भी महिला सशक्तिकरण के लिए 8 मार्च 2010 को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय मिशन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल द्वारा शुरू किया गया।

राज्य सरकारों ने भी महिला सशक्तिकरण के लिए कई योजनाएं शुरू की जैसे स्वास्थ्य सखी योजना, कामधेनु योजना,स्वालंबन योजना,स्वशक्ति योजना आदि। राजस्थान में चिराली योजना 26 सितंबर 2017 से शुरू की गई जिसमें महिला सुरक्षा के लिए टीम गठित की जाएगी। राजस्थान में भामाशाह योजना में परिवार का मुखिया महिला को माना गया है।

Specially thanks to Post and Quiz makers ( With Regards )

दिनेश जी मीना, P K Nagauri


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