व्यावसायिक प्रशासन - अंकेक्षण, आंतरिक नियंत्रण एवं सामाजिक, प्रदर्शन और कार्यकुशलता अंकेक्षण
अतिलघुतरात्मक ( 15 से 20 शब्द )
प्र 1. अंकेक्षण किसे कहते हैं ?
उत्तर- अंकेक्षण व्यापार की पुस्तकों, खातों तथा प्रमाणकों की ऐसी जांच को कहते हैं जिसमें अंकेक्षक द्वारा उनकी सत्यता एवं असत्यता, उचितता एवं अनुचितता का पता लगाया जाता है।
प्र 2. संपत्तियों के गबन से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर- व्यवसायिक संपत्तियों का निजी उपयोग करना संपत्तियों का गबन कहलाता है। जैसे व्यवसाय के लिए फर्नीचर खरीदना और इसका प्रयोग घर पर करना संपत्ति का गबन कहलाता है।
प्र 3. आंतरिक नियंत्रण को परिभाषित कीजिए।
उत्तर- जिस नियंत्रण के द्वारा व्यवसाय के प्रत्येक पहलू को योजनाबद्ध ढंग से नियंत्रित किया जाता है तथा जिसके द्वारा अधिक से अधिक लाभ की प्राप्ति और गडबड़ी, धोखाधड़ी, छल कपट की संभावना कम से कम हो उसे आंतरिक नियंत्रण कहते हैं।
प्र 4. स्वामित्व अंकेक्षण क्या है ?
उत्तर- स्वामित्व या मालिकाना अंकेक्षण में प्रबंधकों के द्वारा समय-समय पर लिए गए निर्णयों के औचित्य की जांच बुद्धिमानी निष्ठा आदि के आधार पर की जाती है।
प्र 5. कार्य निष्पादन अंकेक्षण को परिभाषित कीजिए।
उत्तर- निर्धारित प्रमापकों या लक्ष्यों से वास्तविक कार्यों का मापन या किसी घटक की निष्पत्ति की समीक्षा का कार्य निष्पादन अंकेक्षण कहलाता है।
लघूतरात्मक ( 50 से 60 शब्द )
प्र 6. किसी संस्था में आंतरिक निरीक्षण के क्या उद्देश्य होते हैं?(100 शब्द )
उत्तर- 1. छल कपट को रोकना- आंतरिक निरीक्षण की प्रणाली जहां अपनाई जाती है वहां प्रत्येक कर्मचारी यह समझता है कि उसका कार्य तुरंत दूसरा व्यक्ति देखेगा। अतः उस पर नैतिक प्रभाव पड़ता है कि वह छल कपट ना करें।
2. अशुद्धियों को रोकना - प्रत्येक व्यक्ति को जब यह ज्ञात हो जाता है कि कार्य शीघ्र ही दूसरे व्यक्ति द्वारा जांचा जाएगा तो वह सावधानी से कार्य करेगा। जिससे अशुद्धियों की संभावना कम हो जाएगी।
3. अशुद्धियों एवं छल कपट को शीघ्र पकड़ना- प्रत्येक व्यक्ति का कार्य शीघ्र ही दूसरे व्यक्ति द्वारा जांच लिए जाने के कारण अशुद्धियां एवं छल कपट यदि कोई हो तो शीघ्र पकड़ में आ जाते हैं।
4. उत्तरदायित्व का निर्धारण करना- आंतरिक निरीक्षण द्वारा कर्मचारियों का कार्य निश्चित कर दिया जाता है जिससे काम में गड़बड़ी के संबंध में उत्तरदायित्व किसी निश्चित व्यक्ति पर डाला जा सकता है।
5. व्यावसायिक व्यवहारों का सही लेखा करना - आंतरिक निरीक्षण का यह उद्देश्य है कि व्यवसाय में होने वाले समस्त व्यवहारों का सही लेखा किया जा सके।
6. अंतिम खातों का शीघ्र तैयार हो सकना- लेखाकर्म को इस प्रकार से संगठित किया जाए कि वर्ष के समाप्त होने पर अंतिम खाते शीघ्र तैयार हो सके।
7. अंकेक्षण का कार्य सरल होना - आंतरिक निरीक्षण इसलिए भी अपनाया जाता है कि अंकेक्षकको पूरा कार्य न करना पड़े और वह परीक्षण जांच के द्वारा अपना कार्य शीघ्र समाप्त करके अपनी रिपोर्ट दे सकें।
प्र 7. अंकेक्षण से होने वाले लाभों को बताइए ।
उत्तर- अंकेक्षण से लाभ-
अनुशासन कायम रखना
भ्रष्टाचार समाप्त करना
अनियमितताएं, चोरी व गबन प्रकट होना
कर्मचारियों व प्रबंधकों को सावधान करना
व्यापार की सही स्थिति बताना
विनियोजकों की रखवाली करना
सच्चाई व ईमानदारी का प्रमाणपत्र
कर्मचारी की कर्मठता एवं योग्यता का प्रमाण मिलना
बहुमूल्य सलाह मिलना
प्र 8. त्रुटियाँ एवं गबन में अंतर स्पष्ट कीजिए । (120 शब्द)
उत्तर- अशुद्धियों एवं कपट में अन्तर -
1. ज्ञान - अशुद्धियां करने वाले को उनका कोई ज्ञान नहीं होता है वरना वह अशुद्धियां नहीं करेगा जबकि गबन करने वाला जानता है कि वह गबन कर रहा है।
2. इरादा - प्रत्येक व्यक्ति यह चाहता है कि उसे कोई गलती न हो जबकि गबन करने वाला इरादा करके गबन करता है।
3. योजना - अशुद्धियों के संबंध में व्यक्ति अशुद्धियां करने के लिए योजना नहीं बनाता बल्कि अपने कार्य को इसलिए योजनाबद्ध करता है ताकि अशुद्धियां कम से कम हो जबकि गबन करने वाला व्यक्ति अपने लक्ष्य में सफल होने के लिए पहले योजना बनाता है और फिर उसे कार्यान्वित करता है।
4. परिणाम- गलतियों का परिणाम निश्चित नहीं होता। संस्था को इससे लाभ भी हो सकता है, हानि भी हो सकती है और यह भी हो सकता है कि लाभ हानि पर कोई प्रभाव ना पड़े, लेकिन गबन का परिणाम निश्चित होता है और यदि गबन छुपा रह जाए तो उसे किसी एक पक्ष को लाभ व दूसरे पक्ष को हानि होती है।
5. अपराध की गहनता- मनुष्य दोष शील है। अतः गलती होना कोई अपराध नहीं है और यदि गलती उचित सावधानी के बावजूद हुई तो कर्ता को क्षमा कर दिया जाता है, लेकिन गबन का अपराध कभी क्षम्य नहीं हो सकता।
6. कारण - अशुद्धियां प्राय सावधानी न बरतने के कारण होती है जबकि गबन बिना सावधानी के किया ही नहीं जा सकता।
7. खोज - अशुद्धियों को खोज निकालना आसान होता है। इनमें से अधिकतर नैत्यिक जांच द्वारा पकड़ में आ जाती है जबकि गबन को ढूंढ निकालना बहुत कठिन होता है क्योंकि गबन करने वाला व्यक्ति अत्यधिक सतर्क होकर उसे छुपाने की निरंतर कोशिश करता रहता है।
प्र 9. कार्य निपुणता अंकेक्षण कोई स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- प्रत्येक व्यवसायी अपनी निपुणता बढ़ाना चाहता है। इसके लिए व्यवसाय के इंजीनियरी, उत्पादन, क्रय एवं विक्रय विभाग की निपुणता बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास जारी रहते हैं। प्रयासों में कहां तक सफलता मिली, पूर्व निर्धारित योजना द्वारा कहां तक कार्य किया गया और उस योजना में कहां-कहां किस-किस प्रकार के हेरफेर की आवश्यकता है
इन सब बातों की जांच करने को ही निपुणता अंकेक्षण कहते हैं। निपुणता अंकेक्षण में व्यवसाय के प्रत्येक व्यवहार की जांच होती है। इस अंकेक्षण में अंकेक्षक का महत्वपूर्ण कार्य जांच करना नहीं होता है बल्कि जांच के आधार पर आवश्यक सलाह देना भी होता है ताकि व्यवसाय की योजनाओं को शीघ्रतापूर्वक मितव्ययिता से और अधिक कार्य कुशलता के साथ पूर्ण किया जा सके।
प्रशासनिक सुधार आयोग ने सार्वजनिक क्षेत्र में कंपनियों के संबंध में इस बात पर जोर दिया है कि इनके व्यवहारों की नियमानुकूलता की जांच करना ही पर्याप्त नहीं है बल्कि जिस कार्य कुशलता से उन व्यवहारों को किया गया है उसकी जांच होनी चाहिए। इस प्रकार अंकेक्षक को सार्वजनिक खर्च के संबंध में 'निपुणता मय स्वामित्व/ औचित्य अंकेक्षण करना चाहिए।
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