एक स्थान से दूसरे स्थान तक सूचना अथवा संदेश के प्रेषण को "दूरसंचार" कहा जाता है। भारत में टेलीफोन सेवा की शुरुआत वर्ष 1881-82 में कोलकाता में हुई।
इंटरनेट सेवा को तीव्रता एवं बहुआयामी रूप प्रदान करने के लिए भारत में 14 जनवरी 2006 से ब्रांड बैंड की शुरुआत की गई। भारती एयरटेल ने 6 अगस्त 2015 को देश के 296 प्रमुख शहरों में 4G सेवा का शुभारंभ किया। भारती एयरटेल राष्ट्रीय स्तर पर 4जी तकनीक पर आधारित मोबाइल सेवा शुरू करने वाली देश की पहली कंपनी बनी। 5G सेवा का विकास दूरसंचार क्षेत्र की दिग्गज कंपनी सैमसंग ने किया। वर्ष 2020 तक यह सामान्य परिचालन के लिए उपलब्ध हो सकेंगी।
भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (टेलीकॉम अथॉरिटी ऑफ इंडिया) की स्थापना 20 फरवरी 1997 को संसद के अधिनियम द्वारा हुई थी इसका प्रमुख उद्देश्य दूरसंचार सेवाओं के विकास हेतु अनुकूल परिस्थितियों का सृजन करना है। भारतीय दूरसंचार विकास प्राधिकरण अधिनियम को 24 फरवरी 2000 को अध्यादेश के माध्यम से संशोधित किया गया जिसमें दूरसंचार विवाद एवं अपीलीय अधिकरण(टीडी सैट) की स्थापना की गई
वर्तमान इलेक्ट्रॉनिक्स के युग में टेलीविजन संचार का सबसे प्रभावशाली साधन बन गया है। दूरदर्शन का पहला कार्यक्रम 15 दिसंबर 1959 को नई दिल्ली में स्थित आकाशवाणी भवन के अस्थाई स्टूडियो से किया गया था भारत में रंगीन टेलीविजन की शुरुआत 1982 में नई दिल्ली में एशियाई खेलों से हुई थी
सूचना प्रौद्योगिकी प्रौद्योगिकी,2000- इलेक्ट्रॉनिक व्यापार और इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन को बढ़ावा देने हेतु कानूनी स्वरूप प्रदान करने के लिए भारत सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 का गठन किया। इस अधिनियम के तहत इंटरनेट पर सुरक्षित वित्तीय लेनदेन के लिए लिखित कानून को परिवर्तित किया जा रहा है,जो कि देश में ई-कॉमर्स की बुनियादी आवश्यकता है।
सूचना प्रौद्योगिकी संशोधन अधिनियम 2008- इस अधिनियम में साइबर घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए कुछ प्रावधान किए गए।
राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र की स्थापना वर्ष 1976 में की गई। सरकारी विभागों में प्रशासकीय निर्णयों में तीव्रता लाने के लिए उपयुक्त सूचना प्रणाली विकसित करने के उद्देश्य से की गई।
प्रशासनिक सुधार एवं जन शिकायत विभाग और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने मिलकर सरकार के न्यूनतम साझा कार्यक्रम की प्राथमिकताओं के आधार पर e-Governance योजना का निर्माण किया। जिसका उद्देश्य आम आदमी की जरूरत के क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर ई- गवर्नेंस को बढ़ावा देना है। इस योजना को 18 मई 2006 को सरकार के द्वारा मंजूरी मिल गई
ई-गवर्नमेंट- इंटरनेट पर उपलब्ध सरकारी सेवाओं के प्रावधान को ई-गवर्नमेंट का जाता है।
साइबर क्राइम- कंप्यूटर और इंटरनेट के माध्यम से होने वाला अपराध जिसके अंतर्गत जालसाजी अनाधिकृत प्रवेश चाइल्ड पॉर्नोग्राफी और साइबर स्टॉकिंग शामिल है। इसके अंतर्गत अपराध को एक वृहत लक्ष्य के रूप में अपनाया जा सकता है। इसमें अपराध करने हेतु इंटरनेट का प्रयोग किया जाता है।
राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति 2013 तत्कालीन केंद्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री कपिल सिब्बल ने 2 जुलाई 2013 को जारी की थी इस नीति के तहत सूचनाओं के आदान-प्रदान का तंत्र बनाने,साइबर हमले की पहचान करने और उस पर कार्रवाई करने की रूपरेखा बनाई गई। इस नीति का लक्ष्य इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन के लिए सुरक्षित माहौल तैयार करना तथा साइबर हमलों से राष्ट्र को सुरक्षित बनाने और खामियों को दूर करने के लक्ष्य तय किए गए।
नैनो प्रौद्योगिकी ( Nano technology )
भारत में नैनो टेक्नोलॉजी के विकास की मुख्य जिम्मेदारी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विकास विभाग को सौंपी गई। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के तत्वाधान में भारत ने वर्ष 2007 में "नैनो विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मिशन" ( NSTM ) की शुरुआत की जिसे नैनो मिशन कहा जाता है। इस मिशन के लिए भारत सरकार ने 5 वर्ष की अवधि के लिए 1000 करोड़ों पर आवंटित किए।
वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद ( CSIR ) और विज्ञान एवं अभियांत्रिकी अनुसंधान परिषद ( SERC ) ने विभिन्न क्षेत्रों में नैनो प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग हेतु अनुसंधान एवं विकास का कार्य किया।
Specially thanks to Post and Quiz makers ( With Regards )
दिनेश मीना झालरा,टोंक
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महत्वपूर्ण उपकरण एवं उनके आविष्कारक | General Science
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1 year ago - Reply[…] Telecommunications : दूरसंचार […]