क्लर्क, DEO जैसी सरकारी नौकरियों के लिए टाइपिंग टेस्ट
टाइपिंग
हम सभी का सरकारी नौकरी पाने का सपना होता है. प्राइवेट जॉब में बढ़ते अवसर के बावजूद सरकारी नौकरी जैसी लोकप्रियता वहां नहीं है. हालांकि जहां एक और कई सरकारी नौकरी की परीक्षाओं जैसे - एसएससी सीजीएल, एसएससी सीएचएसएल, बैंकिंग में चयन हेतु प्रतियोगिता काफी कठिन मानी जाती हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ सरकारी नौकरियों में स्किल्स को प्राथमिकता दी जाती है और चयन उन्ही स्किल्स में दक्षता के आधार पर किया जाता है. सरकारी नौकरी के संदर्भ में सबसे जरूरी स्किल है हिंदी टाइपिंग, विशेषतौर पर तब जबकि आप सरकारी विभागों में क्लर्क (एलडीसी), डाटा इंट्री ऑपरेटर (डीईओ), क्लर्क-कम-टाइपिस्ट, स्टेनोग्राफर, असिस्टेंट-कम-टाइपिस्ट आदि जैसे पदों पर चयन की चाह रखते हों.
यदि आप अपने आपको भीड़ से अलग रखना चाहते हैं तो हिंदी टाइपिंग इस संदर्भ में आपकी मदद कर सकता है, क्योंकि बहुत से उम्मीदवार हिंदी टाइपिंग में काफी असहज होते हैं. दूसरी तरफ हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा होने के कारण ज्यादातर सरकारी विभागों में हिंदी टाइपिंग का प्रयोग होता है और यदि आप इस स्किल में निपुण हैं तो अंतिम चयन सूची में आपका नाम होने की संभावना बढ़ जाती है.
हिंदी टाइपिंग सरकारी नौकरी में चयन के लिए आवश्यक स्किल्स में से एक होने के बावजूद ज्यादातर उम्मीदवार इससे जुड़ी बारिकियों को नहीं जानते हैं. उन्हीं की मदद के लिए हमने 5 सर्वाधिक महत्वपूर्ण बातों की सूची बनाई है.
टाइपराइटर या कंप्यूटर
आज के बदलते तकनीक प्रधान परिदृश्य में किस इंस्ट्रूमेंट, टाइपराइटर या कंप्यूटर पर टाइपिंग टेस्ट होगा, इसे लेकर काफी दुविधा होती है. हालांकि इस संदर्भ में कोई निश्चित पैटर्न देखने को नहीं मिलता है, लेकिन ज्यादातर सरकारी विभाग या तो कंप्यूटर आधारित कार्य-प्रणाली अपना चुके हैं या इस प्रक्रिया में हैं. इसलिए कंप्यूटर पर ही हिंदी टाइपिंग टेस्ट की तैयारी करनी चाहिए. फिर भी यदि आप परंपरागत मशीन से टाइपिंग में सहज पाते हैं तो आप टेस्ट के दौरान टाइपराइटर का इस्तेमाल कर सकते हैं, क्योंकि कई विभाग ऐसा करने की अनुमति देते हैं. हमारी सलाह है कि आप टेस्ट से पूर्व संबंधित विभाग से पूछताछ कर लें.
फॉन्ट
भाषागत व व्याकरण दोनो ही संदर्भों में हिंदी टाइपिंग अब आम हो चुकी इंग्लिश टाइपिंग की तुलना में काफी जटिल है. इसलिए फॉन्ट टाइप का चयन सरकारी नौकरियों में बहुत महत्व रखता है. आमतौर पर सरकारी नौकरियों में हिदी टाइपिंग टेस्ट मंगल या क्रुतिदेव फॉन्ट पर किया जाता है. उम्मीदवारों एवं परीक्षकों दोनो की बेहतर विजिबिलिटी के लिए फॉन्ट साइज 14 रखी जाती है.
स्पीड
टाइपिंग टेस्ट के लिए स्पीड बहुत महत्वपूर्ण है. आमतौर पर ज्यादातर सरकारी नौकरियों में 25 से 35 शब्द प्रति मिनट की स्पीड की अपेक्षा की जाती है. इसका अर्थ है कि उम्मीदवारों को एक मिनट में 25 से 35 शब्द टाइप करने की गति से परीक्षा देनी होती है. निम्न ग्रेड के पदों के लिए टाइपिंग टेस्ट कम अवधि का होता है और इसमे कम स्पीड की अपेक्षा रखी जाती है लेकिन ग्रेड बढ़ने के साथ-साथ इन दोनों ही मामलों में अधिक प्रदर्शन करना होता है.
की-डिप्रेशंस
उम्मीदवारों की टाइपिंग स्पीड जांचने का एक और पहलू है की-डिप्रेशंस अर्थात, उम्मीदवार द्वारा दबाये गये बटनों (कीबोर्ड पर) की संख्या. की-डिप्रेशंस में अल्फाबेटिक बटनों ‘A’ to ‘Z’; सभी न्यूमेरिक बटनों 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 0; सभी स्पेशल कैरेक्टर्स जैसे !, @, #, $, %, ^, &, *, (, ), _, +, -, =, [, ], {, } को काउंट किया जाता है. यहां तक कि स्पेस बटन, टैब व इंटर बटन को भी कीस्ट्रोक या की-डिप्रेशंस की गणना में शामिल किया जाता है. हालांकि शिफ्ट, बैकस्पेस, व डिलीट बटनों को कीस्ट्रोक के तौर पर काउंट नहीं किया जाता है. यदि कीस्ट्रोक को गणना का आधार बनाया जाता है तो 35 शब्द प्रति मिनट की स्पीड से 10500 की-डिप्रेशंस प्रति घंटे की गति होनी चाहिए.
त्रुटियों के प्रकार
हिंदी टाइपिंग का एक दूसरा महत्वपूर्ण पहलू है कंटेंट की शुद्धता. आम भाषा में यदि टाइपिंग टेस्ट सिर्फ क्वालीफाइंग है तो अधिकतम 5% की त्रुटियों को नहीं गिना जाता और सिर्फ स्पीड को महत्व दिया जाता है. लेकिन यदि टाइपिंग टेस्ट चयन का एक महत्वपूर्ण चरण है तो सभी प्रकार की त्रुटियों को गिना जाता है. दोनो ही मामलों में त्रुटियों को दो प्रकारों में वर्गीकृत किया गया है:
अर्ध-त्रुटि (Half Mistakes): वाक्य की शुरूआत में कैपिटल व स्माल लेटर्स का गलत इस्तेमाल, स्पेलिंग की गलतियां या किसी शब्द में किसी अक्षर को छोड़ देना.
पूर्ण-त्रुटि (Full-Mistakes): पूरे शब्द या शब्दों के समूह को छोड़ देना, किसी सही शब्द की जगह गलत शब्द का इस्तेमाल, किसी अतिरिक्त शब्द का इस्तेमाल.
इन कुछ जरूरी बातों का ध्यान ऐसे सभी उम्मीदवारों को रखना चाहिए जो कि सरकारी नौकरी के चयन में टाइपिंग टेस्ट के चरण में सम्मिलित होने जा रहे हैं. इनके अतिरिक्त कई और बातें हैं जिनका ध्यान टाइपिंग टेस्ट के दौरान रखना चाहिए, लेकिन वे अपेक्षाकृत कम महत्वपूर्ण हैं और उनका टेस्ट रिजल्ट पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है.
0 Comments