2011 की जनगणना के अनुसार प्रदेश के कुल कार्यशील जनसंख्या के 59.3% लोग कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र में नियोजित है। इसमें से 29% कृषक व 30.3% कृषि श्रमिक है।
कृषि जलवायु प्रदेश ( Agricultural climate region )
(1) भाभर व तराई क्षेत्र- हिमालय की तलहटी वाले क्षेत्र जैसे सहारनपुर मुजफ्फरनगर बिजनौर मुरादाबाद रामपुर बरेली पीलीभीत लखीमपुर श्रावस्ती आदि जिलों के उत्तरी भाग आते हैं।
(2) पश्चिमी मैदान- मेरठ मंडल एवं आसपास के क्षेत्र।
(3) मध्य पश्चिमी मैदान- बरेली एवं मुरादाबाद मंडल के क्षेत्र।
(4) दक्षिणी पश्चिमी समशुष्क मैदान- आगरा मंडल एवं आसपास का क्षेत्र।
(5) मध्य मैदान- कानपुर एम लखनऊ मंडल तथा फतेहपुर क्षेत्र।
(6) बुंदेलखंड प्रदेश- झांसी एम चित्रकूट मंडल के क्षेत्र।
(7) उत्तरी-पूर्वी मैदान- गोरखपुर मंडल सहित गोंडा तक का क्षेत्र।
(8) पूर्वी मैदान- वाराणसी फैजाबाद आजमगढ़ मंडल तथा इलाहाबाद मंडल के कुछ क्षेत्र।
(9) विंध्य प्रदेश- मिर्जापुर सोनभद्र तथा दक्षिणी इलाहाबाद के चित्र।
फसल उत्पादन ( Crop Production )
रबी ( Rabi crop )- रबी फसलों की बुवाई शीत ऋतु की शुरुआत अर्थात अक्टूबर से दिसंबर के मध्य तक की जाती है। इन फसलों को कम जल और औसत ताप की आवश्यकता होती है। इसके अंतर्गत गेहूं जो चना मटर मसूर सरसों आलू तंबाकू आदि फसलें आती है।
खरीफ ( Kharif )- खरीफ की फसलें अधिक जल और ताप चाहने वाली होती है। अतः की बुवाई मई से जुलाई तक की जाती है और कटाई सितंबर से अक्टूबर तक कर ली जाती है। इसके अंतर्गत चावल मक्का बाजरा जूट अरहर कपास गन्ना आदि फसलें आती है।
जायद ( Zayed )- जायद की फसलें को बहुत अधिक ताप की आवश्यकता होती है। अतः इनके बुवाई मार्च से अप्रैल में की जाती है और जून से जुलाई तक काट ली जाती है। इसके अंतर्गत ककड़ी खीरा खरबूज तरबूज लोगी काशीफल लोबिया आदि आते हैं।
गेहू ( Wheat )- गेहूं के लिए 50 से 75 सेंटीमीटर वर्षा और 10 से 15 डिग्री सेंटीग्रेड तक ताप की आवश्यकता होती है। 30 अक्टूबर नवंबर में बोया जाता है तथा मार्च-अप्रैल में काट लिया जाता है। प्रदेश के कृषि योग्य भाग के कुल 24% भाग पर गेहूं की खेती की जाती है। गोरखपुर प्रदेश का सर्वाधिक गेहूं उत्पादक जिला है। सर्वाधिक उत्पादकता गंगा घागरा दोआब क्षेत्र की है।
जौ ( Barley )- जौ की खेती प्रदेश के शुष्क एवं कांप मिट्टी वाले क्षेत्रों में की जाती है।
चना ( Gram )- इसके लिए कम उपजाऊ मिट्टी 30 से 50 सेंटीमीटर वर्षा तथा बोते समय 15 से 25 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान की आवश्यकता होती है। प्रदेश में चने की खेती बांदा हमीरपुर बाराबंकी सोनभद्र कानपुर ललितपुर झांसी आगरा इलाहाबाद आदि जिलों में होती है।
चावल ( Rice )- चावल के लिए चिकनी और उपजाऊ मिट्टी गर्म जलवायु बहुत समय 20 से 25 डिग्री सेंटीग्रेड ताप की आवश्यकता और पकते समय 27 डिग्री सेंटीग्रेड ताप की आवश्यकता और 75 से 125 सेंटीमीटर तक वर्षा की आवश्यकता होती है। प्रदेश के कुल कृषि योग्य भूमि के लगभग 18% भाग पर चावल की खेती की जाती है। प्रदेश में मुख्यतः सिद्धार्थ नगर कुशीनगर देवरिया महाराजगंज गोरखपुर बस्ती गोंडा बलरामपुर पीलीभीत सहारनपुर वाराणसी लखनऊ आदि जिलों में चावल की खेती होती है।
गन्ना ( Sugarcane ) - गन्ने के लिए चिकनी दोमट मिट्टी 20 से 26 डिग्री सेंटीग्रेड ताप और 100 से 200 सेंटीमीटर वर्षा की आवश्यकता होती है। प्रदेश के कुल कृषि योग्य क्षेत्र के लगभग 13% भाग पर गन्ने की खेती की जाती है तथा गन्ना राज्य का सर्वाधिक महत्वपूर्ण नकदी फसल है।
कपास ( Cotton )- प्रदेश के गंगा यमुना दोआब रूहेलखंड और बुंदेलखंड क्षेत्रों में सिंचाई के सहारे कपास की खेती की जाती है। यहां छोटे रेशे की अधिक व लंबे रेशे की कम कपास उगाई जाती है। सहारनपुर मुजफ्फरनगर मेरठ हाथरस गाजियाबाद बुलंदशहर अलीगढ़ आगरा फिरोजाबाद इटावा कानपुर मोरादाबाद मथुरा मैनपुरी आदि में कपास की खेती की जाती है। प्रदेश में कपास की यूपी देसी बंगाल के कपास धोलेरा और पंजाब अमेरिकन किस्में पैदा की जाती है।
मूंगफली ( Peanut )- मूंगफली एक खरीफ फसल है जिसकी बुवाई जून-जुलाई में की जाती है और खुदाई नवंबर-दिसंबर में। इसके लिए बलुई मिट्टी की आवश्यकता होती है। प्रदेश के सीतापुर हरदोई मैनपुरी मुरादाबाद आदि जिलों में थोड़ी मात्रा में मूंगफली की खेती की जाती है।
आम ( Mango )- प्रदेश के लखनऊ सीतापुर उन्नाव बाराबंकी फैजाबाद बरेली मेरठ गाजियाबाद कानपुर बुलंदशहर मुरादाबाद सहारनपुर हरदोई वाराणसी जिला में आम की खेती की जाती है। लखनऊ का मलिहाबाद दशहरी सहारनपुर का सफेदा तथा चौसा मेरठ तथा बागपत का रटोल तथा वाराणसी का लंगड़ा आम प्रसिद्ध है। प्रदेश में उत्पादित आम को देश के विभिन्न शहरों में नवाब ब्रांड से प्रचारित किया जाता है।
अमरूद ( Guava ) - प्रदेश में मुख्य इलाहाबाद कौशांबी बदायूं कानपुर बरेली और फैजाबाद जिलों में अमरुद पैदा होता है। सफेदा हाफजी लखनऊ करेला इलाहाबाद सफेदा धोलका लखनऊ आदि इसके मुख्य कुछ किस्में है।
आंवला ( Gooseberry )- प्रदेश में विशेष रूप से आंवले की खेती प्रतापगढ़ में की जाती है।
नीम्बू ( Lemon )- प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में विशेष रूप से नींबू पैदा होता है।
सन्तरा ( Orange )- संतरे की खेती बुंदेलखंड के कुछ जिलों तथा सहारनपुर के आसपास के क्षेत्रों में की जाती है।
आलू ( Patato )- उत्तर प्रदेश आलू के उत्पादन में अग्रणी स्थान रखता है। मुख्य रुप से फर्रुखाबाद कन्नौज हाथरस आगरा मेरठ बदायूं बागपत फिरोजाबाद रामपुर अलीगढ़ गाजियाबाद इटावा आदि जिलों में आलू की खेती की जाती है। आलू एवं अन्य साग भाजी के अनुसंधान के लिए गाजियाबाद में एक आलू अनुसंधान केंद्र बाबूगढ़ स्थापित किया गया है।
हल्दी ( Turmeric )- हल्दी उत्पादन में उत्तर प्रदेश अग्रणी स्थान रखता है। विशेष रूप से हल्दी की खेती बुंदेलखंड क्षेत्र में की जाती है।
Important Questions -
Q.1 उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक मृदा अपरदन होता है ? A. वायु से B. जल से✔ C. दोनों से बराबर D. इनमें से कोई नहीं
Q.2 लाल मिट्टी पाई जाती है ? A. सहारनपुर B. शामली C. मिर्जापुर✔ D.मुजफ्फरनगर
Q.3 भारत में उत्तर प्रदेश इन के उत्पादन में प्रथम स्थान रखता हैवे है ? A. चावल गेहूं B. गेहूं गन्ना✔ C. चावल गन्ना D. गेहूं दलहन
Q.4 निम्न में से कौन सा फसल चक्र पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए सर्वाधिक उपयुक्त है ? A. धान मक्का गेहूं✔ B. मक्का आलू गेहूं C. कपास गेहूं मूंग D. मक्का तोरिया गेहूं
Q.5 जहां प्रतिवर्ष बाढ़ का पानी पहुंचता है वह कहलाता है ? A. खादर मरदा✔ B. बांगर मर्दा C. लाल मर्दा D. मरुस्थलीय मृदा
Q.6 कपास वाली मरदा कहलाती है ? A. लाल मरदा B. क्षारीय मर्दा C. मरुस्थलीय मृदा D. काली मृदा✔
Q.7 अवनालिका षरण से सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्र है ? A. मुजफ्फरनगर B. लखनऊ C. इटावा✔ D. रामपुर
Q.8 मुख्य रूप से मर्दा अपरदन कितने प्रकार का होता है ? A. तीन प्रकार का B. दो प्रकार का✔ C. पांच प्रकार का D. एक प्रकार का
Q.9 किसान की मौत कहा गया है ? A. परत अपरदन को✔ B. क्षुद्र अपरदन को C. भूस्खलन क्षरण को D. सरिता तट क्षरण को
Q.10 वायु अपरदन से प्रभावित क्षेत्र हैं? A.आगरा✔ B.रामपुर C.सोनभद्र D.ललितपुर
Specially thanks to Post and Quiz makers ( With Regards )
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